स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 क्या है ?

स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 क्या है विशेष विवाह अधिनियम 1954 के प्रावधान क्या है स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के बारे मे जानिए विशेष विवाह कायदा

स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 में विशेष रूप से विवाह, पंजीकरण और तलाक का प्रावधान है। इस अधिनियम के तहत किसी भी धर्म या संप्रदाय के दो व्यक्तियों के बीच विवाह को सम्मिलित किया जा सकता है। एक धर्मनिरपेक्ष अधिनियम होने के नाते यह विवाह के पारंपरिक आवश्यकताओं से लोगों को मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है

स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी  का तरीका :

  • लड़का एंव लड़की दोनों पहले से शादीशुदा न हो एंव बालिक होना भी जरूरी है |
  • लड़का एंव लड़की दोनों की सहमती देने लायक मानसिक स्थिति हो |
  • यह होने पर कोई भी भी प्रेमी जोड़ा शादी कर सकता है |
  • इस एक्ट मे कुछ शर्ते भी है - अगर लड़का या लड़की दोनों हिन्दू है तो वे प्रोहिबिटेड व स्पिडा रिलेशन [ नजदीक की रिश्तेदार जैसे - भाई, बहन, मौसी, बुआ ] मे न हो |
  • स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विदेशी से भी भारतीय शादी कर सकती है |
  • शादी के लिए तैयार प्रेमी को इलाके के एडीएम ऑफिस मे शादी की अर्जी देनी पड़ती है |
  • अर्जी के साथ उम्र के प्रूफ दस्तावेज़ भी जमा करना होता है |
  • आपको इस हलफनामे मे बताना होता है की आप बालिग है और बिना किसी दबाव के अपनी मर्जी से दोनों लोग एक दूसरे के साथ शादी कर रहे है |
  • यह सब होने के बाद जोड़े का फिजिकल वेरिफिकेशन होता है एंव उन्हे एक महीने मे बाद आने के दुबारा कह दिया जाता है |
  • इस एक महीने के दौरान जोड़े के बारे मे नोटिस बोर्ड पर एक सूचना चिपका दी जाती है जिसमे लिखा होता है यह दोनों शादी करने वाले है किसी को आपत्ति हो तो बताए |
  • नोटिस के बाद दोनों जोड़ो को एडीएम के सामने पेश होना होता है जहां पर गहवों के सामने मैरिज रजिस्ट्रार उसने सपथ दिलवाते है | 
  • यह सब होने के बाद शादी सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है
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विशेष विवाह अधिनियम 1954 के प्रावधान क के लिए जरूरी जानकारी

  • लड़के की उम्र 21 वर्ष एंव लड़की की उम्र 18 वर्ष होना जरूरी है साथ ही दोनों मानसिक रूप से स्वस्थ हो |
  • समान से लेकर अलग अलग धर्म के प्रेमी इस एक्ट के तहत शादी कर सकते है साथ ही इस एक्ट द्वारा किसी को भी अपना धर्म बदलने या छोड़ने की भी जरूरत नहीं पड़ती |
  • स्पेशल मैरिज एक्ट मे शादी सब डिविजिनल मजिस्ट्रेट कोर्ट मे या एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट द्वारा कारवाई जाती है |
  • इस एक्ट मे शादी करवाने के लिए किसी मोलवी, पंडित या पादरी की जरूरत नहीं होती है |
  • स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत आप शादी करना चाहते है तो आपको 3 गवाह की भी जरूरत पड़ेगी