बवासीर की दवा पतंजलि घरेलु इलाज नुस्खे हिंदी में
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पाइल्स या बवासीर इलाज - पाइल्स जिसे बवासीर भी कहा जाता है | यह समस्या जिस व्यक्ति को होती है वह अपने आपको बहुत ही बेचेन सा समझता है | पाइल्स की समस्या ऐसी होती है कि कोई व्यक्ति किसी से कहने मे शर्म सा महसूस करता है | पाइल्स या बवासिर कभी कभी ठीक हो जाने के बाद भी उभर जाता है | ऐसे मे पाइल्स bavasir का ठीक तरह से इलाज करना जरूरी होता है साथ ही पाइल्स के मरीज को परहेज करना भी जरूरी है | क्योकि इन्ही तरीको से पाइल्स के तकलीफ़ों से अपने आपको बचाया जा सकता है | तो आज हम आपको बता रहे है पाइल्स के मरीज को अपने खान पान मे क्या लेना या खाना चाहिए मतलब बवासीर मे किन चीजों का परहेज करना जरूरी है |
बवासीर मे परहेज टिप्स
- अत्यधिक तेल व मसालेदार भोजन कतई न करें |
- पाइल्स के मरीजों को फास्ट फूड नहीं खाना चाहिये |
- चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन भी न करें |
बवासीर के प्रमुख कारण -
बवासीर की समस्या से जूझ रहे लोगो मे कुछ सामन्य कमीया पाये जाते है कब्ज, अताधिक शराब का सेवन, नशीली चीजों का प्रयोग , मिर्च मसालेदार, अनियमित भोजन, मांस मछली, अंडा का अधिक मात्रा मे सेवन, बहुत देर तक बैठ कर काम करने से, मेहनत और एकसराइज़ से दूर रहना, अधिक रात्रि तक जागना, गुदा मैथुन करना | यह कुछ कारण या कमी है जो बवासिर से पीड़ित रोगी के अंदर पाये जाते है |
बवासीर के लक्षण - piles ke lakshan
बवासीर होने पर कुछ लक्षण दिखाई पड़ते है जिससे पता लगता है कि बवासीर है जैसे बवासीर से पीड़ित व्यक्ति के शौच मार्ग पर एक मटर के दाने जैसा उभरा हुआ दिखाई पड़ता है | जिस कारण पखाना करते समय शौच मार्ग मे सख्ती सा महसूस होता है और कम मात्रा मे होना
बवासीर के कुछ अन्य लक्षण
- गुदा में कांटे चुभने जैसा दर्द
- सूजन
- खुजली होना
- खून गिरना
- अधिक रक्तस्त्राव से शरीर पीला पड़ना
- दुर्बलता, चक्कर, घबराहट होना
- चिंता
- क्रोध
- अपानवायु का अवरोध
- जोर लगाकर वायु निकालना पड़े
- आँखों में शोथ
- भोजन में अरुचि आदि होते हैं |
बवासीर की दवा पतंजलि घरेलु इलाज नुस्खे हिंदी में
पाइल्स से पीड़ित व्यक्ति को अपने खान पान पर विशेष धायन देना चाहिए क्योकि इन्ही तरीको से आप अपने आपको स्वस्थ महसूस कर सकते है
- गेंहू, ज्वार के आटे की चोकर सहित बनी रोटी, दलिया, जौ, पुराने चावल, अरहर, मूंग की डाल भोजन में खाएं |
- फलों में अंजीर, बेल, अनार, कच्चा नारियल, केला, आंवला सेवन करे |
- सब्जी में तुरई, चौलाई, परवल, कुल्थी, टमाटर, गाजर, जिमीकंद, पालक, चुकंदर नियमित खाएं |
- प्रतिदिन भोजन के साथ मूली खाएं.. भोजन के बाद 2-3 अमरुद खाएं. दोपहर में नियमित रूप से पपीता खाएं. करेले का रस या छाछ (थोडा नमक व् अजवायन मिला कर) या दही की लस्सी पियें |
- खून जाने की तकलीफ हो तो धनिये के रस में मिश्री मिला कर सुबह शाम पियें. पानी का अधिक सेवन करें |
- अधिक से अधिक मात्रा मे पानी पिए
- भारी, तीक्षण, उष्ण, गरिष्ठ, मिर्च मसालेदार, चटपटे पदार्थ भोजन में न खाएं |
- बासी भोजन, उरद की दाल, मांस मछली, अंडा चना, खटाई का सेवन न करें |
- बैंगन, आलू, सीताफल, गुड, डिब्बा बंद आहार से परहेज करें |
- अधिक चाय, कॉफ़ी, शराब न पियें, तम्बाकू अफीम न खाएं. आशा करते हैं के हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको अच्छी लगी होगी
अगर आप को बवासीर है और चाहते है कि बवासीर मे आपको कम तकलीफ और पीड़ा हो तो ऊपर बताए हुए उपाय और इलाज को अपना सकते है
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