भारत में अंग्रेजी शासन आने से भारत की दुर्दशा नहीं बल्कि दशा सुधर गई

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अंग्रेज़ो के भारत आने से पहले भारत अलग अलग यानि टुकड़ो मे विभाजित था. क्योकि अपने अपने राज्यो पर राज करने वाले राजा थे जो अधिकतर सड्यंत्र करते रहते थे पाने पड़ोसी राज्यो के खिलाफ साथ ही यह सड्यंत्र रचने के साथ यह राजा किसी भी हद तक गिर सकते थे | जहा पर किसानो गरीबो और शूद्रो को कोई इज्जत नहीं थी और इनकी स्थिति काफी दयनीय थी

यहा के राजा खुद भारत के प्रति गद्दारी करते थे अपने लाभ के लिए यह राजा दूसरे देशो को आमंत्रित करते थे जैसे भारत मे मुस्लिम आए तो यह गंदे राजा उनके साथ हो लिए | इस बात का प्रमाण आपको इतिहास मे देखेने को मिल जाएगा साथ ही इन आपर जज़िया कर भी नहीं लगाया जाता था और ब्रिटिश काल मे अंग्रेज़ो ने इनकी नहीं सुनी क्योकि अंग्रेज़ो ने देखा और पाया कि इनके पास न्यायिक चरित्र नहीं है साथ ही यह किसी काम के नहीं है 

bharat me angreji shashan

अंग्रेज़ो ने शाशन व्यवस्था चलाने के लिए भारत मे आधुनिक शिक्षा और आधुनिक व्यसथा की नीव रखी जिसमे सभी जातियो को सम्मिलित किया

भारत में अंग्रेजी शासन भारत की दुर्दशा नहीं हुई बल्कि दशा सुधर गई

  • अंग्रेज़ो ने सन 1795 मे अधिनियम 11 द्वारा शूद्रो को भी संपत्ति रखने का अधिकार दिया
  • सन 1804 मे अधिनियम 3 द्वारा कन्या हत्या पर रोक लगाई [ लड़कियो के पैदा होते ही तालु मे अफीम चिपकाकर, माँ के स्तन पर धतूरे के लेप को लगाकर एंव गड्ढा बनाकर उसमे दूध डालकर डुबाकर मार दिया जाता था
  • सन 1813 मे ब्रिटिश सरकार ने सभी जातियो धर्मो को शिक्षा ग्रहण करने के लिए अधिकार बनाए |
  • सन 1913 मे ब्रिटिश सरकार दास प्रथा का अंत के लिए कानून बनाए |
  • 1819 मे अधिनियम 7 द्वारा ब्राह्मणो द्वारा शूद्र स्त्रियो के शुद्धिकरण पर रोक लगाई [ शूद्रो की शादी होने पर दुल्हन को अपने यानि दूल्हे के घर न जाकर कम से कम 3 रात ब्राह्मण के घर शारीरिक सेवा देनी पड़ती थी
  • सन 1830 मे नरबली परथा पर रोक लगाए एंव देवदासी प्रथा पर रोक लगाया |
  • 1849 मे कलकत्ता मे एक बालिका विद्यालय जेईडी बेतन की स्थापना की |
  • 6 अक्टूबर 1860 को अंग्रेज़ो ने इंडियन पैनल कोड बनाया जिसमे लार्ड मैकाले ने सदियो से जकड़े शूद्रो की जंजीरों को काट दिया | और भारत मे जातीवर्ण और एक समान क्रीमलनल लॉ लागू कर दिया |
  • 1867 मे बहू विवाह प्रथा पर पूरे देश मे प्रतिबांध लगाने के उद्देश्य से बंगाल सरकार ने एक कमेटी गठित किया |
  • सन 1833 अधिनियम 87 द्वारा सरकारी सेवा मे भेदभाव पर रोक यानि योग्यता ही सेवा का आधार स्वीकार किया गया अर्थात इस अधिनियम द्वारा किसी नागरिक को धर्म, नाम, स्थान, जाती या रंग के आधार पर पद से वंचित नहीं किया जा सकता |
  • 1835 मे कानून बनाकर अंग्रेज़ो ने शूद्रो को कुर्सी पर बैठने का अधिकार दिया \
  • दिसंबर 1829 के नियम 17 द्वारा विधवाओ को जलाना या फिर अवैध घोसीत करना और सती प्रथा का अंत किया |
  • 1872 मे सिविल मैरिज एक्ट द्वारा 14 से कम आयु वाली कन्याओ और 18 से कम आयु के बालक का विवाह वर्जित किया मतलब बाल विवाह पर रोक लगी |
  • 1927 मे अंग्रेज़ो ने कानून पारित कर शूद्रो को सार्वजनिक स्थानो पर जाने का अधिकार दिया |
  • रेय्यतवाणी पद्धति अंग्रेज़ो ने बनाकर प्रत्येक पंजीकृत भूमिदार को भूमि का स्वामी स्वीकार किया |
  • 1837 अधिनियम द्वारा सती प्रथा का अंत किया |
तो आप ही बताइये अंग्रेज़ो के भारत आने से भारत के लिए अच्छा था या बुरा | भारत मे अंग्रेज़ो के आने से पहले भारत मे उच्च वर्ग के पास सारे अधिकार थे मतलब उच्च वर्ग के लोग ऐश आराम कि जिंदगी जी रहे थे और शोषित गरीबो के पास क्या था - गुलामी, लाचारी, भुखमरी और उनके साथ घोर अमाननीय अत्याचार |

सोने की चिड़िया भारत नहीं था उच्च वर्ग के लोग थे जिनके पास सत्ता थी | भारत मे जो शोषित महिलाओ के साथ हो रहा था वह सभ्य समाज नहीं था बल्कि नीच और जानवरो से भी बत्तर सामाजिक व्यवहार था | सत्ता के भोगी इसलिए लड़ाई हार गए क्योकि उन्हे देश प्रेम नहीं सत्ता प्रेम था | 

सोचिए अगर अंग्रेज़ यहाँ नहीं आते तो शोषित महिलाओ गरीबो के साथ अब तक वही होता रहता जो पहले होता था | इसलिए अंग्रेज़ो को मैं आधुनिक समाज का पितामह और समाज सुधारक कहूँगी जिसने भारत को राष्ट्रीयता और सम्मान के साथ का जीने अधिकार दिया |