क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है CHRISMAS DAY KYU MANAYA JATA HAI

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CHRISMAS DAY KYU MANAYA JATA HAI क्रिसमस कब मनाया जाता है क्रिसमस का अर्थ क्या है क्रिसमस क्यों मनाया जाता है in English

क्रिसमस जिसे बड़ा दिन भी कहा जाता है यह त्योहार हर साल 25 दिसम्बर को यीशु मसीह के जन्म की खुशी मे मनाया जाता है | यह ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है और इस दिन पूरे दुनिया मे अवकाश भी रहता है 

क्रिसमस से अनेक परंपराए व रोचक बाते जुड़ी हुई है जैसे - ट्री सजाना, संता को गिफ्ट बाटना व गिफ्ट देना लेकिन यह रोचक बाते या परंपराए क्यो है और कब से इनकी शुरुवात हुई क्या आप जानते है अगर नहीं तो चलिये जानते है क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है की शुभकामनाए फोटो

क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है CHRISMAS DAY KYU MANAYA JATA HAI

क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है

क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है CHRISMAS DAY KYU MANAYA JATA HAI : संत निकोलस यानि संता का घर उत्तरी ध्रुव पर था और वह उड़ने वाली गाड़ी रेनडियर्स पार चलते थे सांता का यह आधुनिक रूप सन 19वी सदी से अस्तित्व मे आया उसके पहले ये ऐसे नहीं थे

संत निकोलस का जन्म आज से लगभग डेढ हजार पहले का बताया जाता है और इन्ही को असली सांता और सांता का जनक माना जाता है | जबकि संत निकोलस ओर जिजस के जन्म का कोई सीधा सम्बंध तो नहीं था | फिर भी सांता क्लाज क्रिसमस का अहम हिस्सा है | इसके बिना Christmas Festival अधूरा सा लगता है

CHRISMAS DAY KYU MANAYA JATA HAI

क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है CHRISMAS DAY KYU MANAYA JATA HAI :

क्रिसमस के दिन बच्चो को जल्दी क्यो सुला दिया जाता :  संत निकोलस का जन्म जिसस की मौत के 280 साल बाद 3वी सदी मायरा मे हुआ इनका जन्म एक रईस परिवार मे हुआ था

इनके माता पिता की मृत्यु उनके बचपन मे ही हो गया था | इनकी रुचि या आस्था बचपन से ही प्रभु युशी मे बहुत थी जब यह बड़े हुए तो ईसाई धर्म के पादरी यानि पुजारी बने और इसके बाद बिशप बने

संत निकोलस जरूरतमंदो और बच्चो को गिफ्ट देते थे क्योकि ऐसा करना उन्हे बहुत अच्छा लगता था लेकिन यह उपहार वह केवल रात मे ही देते थे क्योकि उपहार देते समय वह लोगो के सामने नहीं आना चाहते थे | इसलिए बच्चो को जल्दी सुला दिया जाता है

क्रिसमस ट्री कैसे सजाते हैं 

ईसामसीह के जन्मदिन की मान्यता है की इनके जन्म पर उनके माता पिता को देवता बधाई शुभकामनाए देने आए तो एक सदाबहार फर को सितारो से सजा दिया तभी से इस दिन सदाबहार फर के पेड़ को "क्रिसमस ट्री" के प्रतीक के रूप मे सजाया जाने लगा

क्रिसमस त्योहार पर ट्री को सजाने की परम्परा जर्मनी मे दसवी शताब्दी के बीच मे शुरू हुई और इस परम्परा के जनक बोनीफेंस टुयो नामक एक अंग्रेज़ धर्म प्रचारक को माना जाता है 

क्रिसमस कार्ड से बधाई शुभकामनाए देने की परम्परा : कार्ड से बधाई शुभकामनाए देने की परम्परा की शुरुवात सबसे पहले विलियम एंगले द्वारा सन 1842 मे किया गया 

यह क्रिसमस का पहला मौका था इसलिए पहला क्रिसमस कार्ड माना गया | इस कार्ड के बारे मे जकारी मिलती है की इस कार्ड पर एक शाही परिवार की तस्वीर थी जिसमे अपने मित्रो को स्वास्थ की शुभकामनाए देते हुए लोगो को दिखाया गया था और उस कार्ड पर लिखा था

विलियम एंगले के दोस्तो को क्रिसमस शुभ हो 
यह परम्परा उस समय एक नई थी इसलिए यह कार्ड महारानी विक्टोरिया को दिखाया गया और कार्ड को देखकर महारानी खुश हुई और अपने चित्रकार डोबसन को बुलाकर शाही क्रिसमस कार्ड बनवाने को कहा और तब से क्रिसमस कार्डो से बधाई शुभकामनाए देने की शुरुवात हुई