दो विवाह योग कुंडली रेखा ऑनलाइन जाने
दो विवाह योग कुंडली Online दो शादी या बहू विवाह योग कुंडली दो विवाह योग कुंडली रेखा : कुंडली मे कुछ ऐसे ग्रह होते है जिस कारण से दो शादी का योग
जन्मकुंडली का सप्तम स्थान वैवाहीक जीवन मे अलग अलग तरह के योग बनाते है | सप्तम स्थान पर जो शुभ एंव अशुभ प्रभाव बनते है | उन्ही का प्रभाव दो विवाह योग यानि एक से अधिक विवाह योग बनाता है | दो विवाह का योग कैसे बनता है साथ ही ग्रहो की कौन सी ऐसी स्थिति बनती है जिसके कारण दो विवाह योग बनते है हम आपको बता रहे है कुंडली मे ऐसे कौन से ग्रह होने के कारण दो शादी का योग किसी व्यक्ति के कुंडली मे बनता है | ऐसे कौन सी राशि है जिनके एक ही घर मे होने के कारण शादी के रिश्ते मे समस्या आती है | हमने एक जातक का कुंडली लिया है यह कुंडली केवल आपको समझाने के लिए है
कुंडली मे 7 नंबर मे सूर्य के होने से समस्या -
कुंडली मे 7 नम्बर मे यदि सूर्य बैठे हुए है तो ऐसे व्यक्ति की शादी जो टूटती है वह घमंड के कारण टूट जाती है | रिश्ते भी खराब घमंड के कारण ही होता है | अगर किसी व्यक्ति के कुंडली मे सूर्य आ जाते है तो ऐसे व्यकती घमंडी हो जाते है | जिस कारण ऐसे लोगो को शादी या विवाह मे समस्या होती है
कुंडली मे 7 नम्बर घर मे अगर शनि आ जाये -
अगर 7 नम्बर घर मे शनि आ जाये तो भी समस्या होती है तो ऐसे व्यक्ति को सलाह है की 30 साल की कम मे शादी नहीं करनी चाहिए | मतलब 30 साल की उम्र बीतने के बाद ही शादी करनी चाहिए | अगर 30 साल के पहले शादी करते है | अगर वह लड़की है तो लड़का का और लड़का है तो लड़की का कुंडली मिलान करले | उसका गमांस पोर्टिवल | जो भी कुंडली होता है उसका मिलान करले |उसके बाद ही शादी करे | अगर यह न कर रहे है तो शादी 30 साल बाद ही करे इससे कोई समस्या नहीं आती |
सप्तम स्थान पर घर मे शनि का प्रभाव -
अगर 7 वे घर मे मंगल आ जाये तो आपको बता दे यह मांगलिक दोष भी माना जाता है साथ ही समस्या उत्पन्न करता है | जैसे - घरेलू कलश, झंझट, लड़ाई के कारण बनाते है पार्टनर के साथ | पार्टनर एक दूसरे की बात नहीं मानते | इसके कारण यहा समस्या उत्पन्न होती है |
सप्तम स्थान पर राहू होने से समस्या -
सप्तम स्थान पर अगर राहू प्रकट हो जाये तो समझिए शादी टूटने का कारण है क्योकि ऐसे व्यक्ति के जीवन मे एक से अधिक अफेयर होने का लक्षण बनाते है | राहू दिमाग भटकाने मे मदद करता है तो ऐसे मे अगर आपके कुंडली मे 7वे स्थान पर राहू है तो थोड़ा संयम रखने की जरूरत है | नहीं तो शादी टूटने का कारण बन सकता है |
सप्तम स्थान पर केतू आने पर समस्या -
अगर किसी व्यक्ति के कुंडली मे सप्तम स्थान पर केतू आ जाये तो शादी टूटती नहीं लेकिन छोटा मोटा कलश या झगड़ा होता रहता है |
अगर 7 वे घर मे मंगल आ जाये तो आपको बता दे यह मांगलिक दोष भी माना जाता है साथ ही समस्या उत्पन्न करता है | जैसे - घरेलू कलश, झंझट, लड़ाई के कारण बनाते है पार्टनर के साथ | पार्टनर एक दूसरे की बात नहीं मानते | इसके कारण यहा समस्या उत्पन्न होती है |
सप्तम स्थान पर राहू होने से समस्या -
सप्तम स्थान पर अगर राहू प्रकट हो जाये तो समझिए शादी टूटने का कारण है क्योकि ऐसे व्यक्ति के जीवन मे एक से अधिक अफेयर होने का लक्षण बनाते है | राहू दिमाग भटकाने मे मदद करता है तो ऐसे मे अगर आपके कुंडली मे 7वे स्थान पर राहू है तो थोड़ा संयम रखने की जरूरत है | नहीं तो शादी टूटने का कारण बन सकता है |
सप्तम स्थान पर केतू आने पर समस्या -
अगर किसी व्यक्ति के कुंडली मे सप्तम स्थान पर केतू आ जाये तो शादी टूटती नहीं लेकिन छोटा मोटा कलश या झगड़ा होता रहता है |
दो विवाह योग कुंडली रेखा ऑनलाइन जाने
- दो शादी विवाह का योग जो होता है वह ऐसे बनाता है - अगर कुंडली मे सप्तम स्थान पर एक साथ सूर्य के साथ शनि आ गए तो निश्चित है आपके भाग्य मे दो शादी होने का योग है | मतलब सप्तम स्थान पर दो ग्रह सूर्य और शनि आ जाये तो दो शादी का योग बनता है |
- अगर सूर्य के साथ राहू या फिर सूर्य के साथ केतू भी आ जाये तो भी दो शादी होने के कारण कुंडली मे बनता है |
- मंगल और राहू अगर सप्तम स्थान पर एक साथ आए तो इसमे कोई समस्या नहीं क्योकि यह दो शादी होने का योग नहीं है |
- शुक्र के साथ किसी भी स्थान पर अगर कोई अन्य ग्रह जैसे - सूर्य, शनि, मंगल, राहू और केतू कोई भी जाए तो ऐसे व्यक्ति के कुंडली मे दो शादी होने का 100% चांस बनता है | मतलब शुक्र के साथ कोई भी ग्रह अपना समावेश करे |
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