पुराणो के अनुसार दुनिया का अंत कब होगा

दुनिया का अंत कब और कैसे होगा कलयुग का अंत कब होगा पृथ्वी का अंत कब होगा दुनिया का विनाश कब होगा duniya ka ant kab aur kaise hoga
duniya ka ant kab aur kaise hoga  पुराणों मे ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विनाश की बांतो को सर्गो मे विभाजित किया गया है | ब्रह्मांड वैसे तो दुनिया का अंत कब और कैसे होगा ? कुछ कहा नहीं जा सकता है लेकिन पुराणो मे दुनिया के विनाश के बारे मे कुछ बताया गया है जिसे समझना अत्यंत कठिन है  आगे जाने पुराणो के अनुसार दुनिया के अंत की भविष्यवाणी.

duniya ka ant

पुराणो के अनुसार दुनिया का अंत कब होगा ?

  • गर्भकाल - करोड़ो साल पहले पूरी धरती जल से डूबी हुई थी और जल मे ही तरह तरह की वनस्पतियों की उत्पत्ति हुई और वनस्पतियों की तरह ही एक कोशकीय रूप जीवो की उत्पत्ति हुई
  • शैशव काल - जब धरती पूरी तरह से पानी से डूबी हुई थी तब जल के भीतर ही अमदीज़, अंडज, जरायूज, सरीसृप, { रेंगने वाले } केवल मुख और वायु युक्त जीवो की उत्पत्ति हुई थी 
  • कुमार काल - इसके बाद पत्र ऋण, किटभक्षी, हस्तपाद, नेत्र श्रेवेन्द्रियो युक्त जियो की उत्पत्ति हुई इसमे मानव रूप बानर,  वामन, मानव इत्ययादी थे 
  • किशोर काल - इसके बाद भ्रमणशील, आखटेक, वन्य संपदाभक्षी, गुहावासी, जिज्ञासु अल्पबुद्धि प्राणियों का विकाश आरम्भ हुआ
  • युवा काल - फिर कृषि, गोपालन, प्रशासन, समाज संगठन की प्रक्रिया हजारो साल तक चलती रही और जो अभी भी चल रही है
  • प्रोढ काल - वर्तमान मे प्रोढावस्था का काल ही चल रहा है जो लगभग विक्रम संवत 2042 ईसा पूर्व शुरू हुआ मान जाता है इस काल मे अतिविलासी, क्रूर, चरित्रहिन, लोलुप, यंत्राधींन इंसान एंव जानवर धरती का नाश करने मे लगे है
  • वृद्ध काल - इस काल मे माना जाता है इस काल के बाद आगे तक केवल साधन भ्रष्ट, त्र्श्त, निराश, नीरूजमी दुखी जीव रहेंगे 
  • जीर्ण काल - इस काल मे जल, अन्न वायु, ताप सबका अभाव क्षीण होगा और धरती पर जीवो के विनाश की प्रक्रिया शुरू होगी
  • उपराम काल - इसके बाद करोड़ो वर्षो आगे तक ऋतु , अनियमित, सूर्य, चंद्र मेघ, सभी विलुप्त हो जाएँगे | धरती ज्वाला मुखी हो जाएगी | अकाल प्रकृति के बाद ब्रह्मांड मे अत्याधिक प्रलय होगा और धरती के अंत का समय आ जाएगा |