जन्मदिन की बधाई मुबारक शुभकामनाए संदेश कविता फोटो
निकलता हुआ सूरज दुआ दे आपको
खिलता हुआ फूल खुसबु दे आपको
हम तो कुछ देने के काबिल नहीं है
खुदा हजार खुशिया दे आपको
शुभ जन्मदिवश
"दीप जलते जगमागते रहे, आप हम को हम आपको याद आते रहे
जब तक जिंदगी है दुआ है हमारी
आप फूलो की तरह मुसकुराते रहे
हम आपके दिल मे रहते है
इसलिए हम हर दर्द सहते है
कोई हमसे पहले विश न करदे आपको
इसलिए एडवांस मे हैप्पी बर्थडे कहते है
सुनो राम सिया शबरी अहिल्या सब तुम्हारी बाट जोहती हैं
आज भी ये सब कण कण में राम खोजती हैं
गीध व्याध वानर को अब कौन गले लगाता है
करुणा, क्षमा, दया को बाजार में नित्य बेचा जाता है
त्रेता से कलियुग की यात्रा बहुत कठिन रही होगी
अब बैठो राम किसी वन में छद्म भरा कलियुग देखो
नाम तुम्हारे बिकते, बाजारों में जोर-शोर से
घर में मां-बाप-भाई के रिश्ते कैसे रिसते हैं देखो
तुम्हारे नाम पर आज कितनों की रोजी-रोटी ज़िंदा है
तुम्हारे नाम पर आज पूरे शहर-गांव-कस्बे में मेला है
सब पूजते हैं राम, कहां जानते हैं राम, नहीं मानते हैं राम
पाथर में ढूढ़कर तुम्हें पूजने वाले फिर भी कहां शर्मिंदा हैं
बस राम तुम्हारे जन्मदिन पर इतना ही कहना है
क्षमा शील बन इनके व्यापारों को मत उगने देना
कल हो जायें पाथर राम, राम को पाथर मत होने देना
राम तुम्हारे जन्मदिन पर बस इतना ही अब कहना है
बात अधूरी है मेरी फिर कभी बोलूंगी तुमसे
अभी जन्मदिन और मनाओ हे वनवासी राम
राजा रह कर मन में वन और वन में मन
व्याख्याओं से परे तुम्हें मुझे अपने मन में रखना है
बस राम तुम्हारे जन्मदिन इतना ही कहना है
-अलकनंदा सिंह
तेरे लिए अनमोल तौहफा हूँ लाया
बस गुजारिश है हंस कर कुबूल कर ले
ये आईना है तेरे लिए सनम
मेरे लिए बस तू ही अंमलोल रत्न
तेरे मुस्कान पर दिल दे बैठे है हम
उसे यूं ही सलामत रखना
हँसते हुए हरा देना सारे गम
बस ज़िंदादिली कायम रखना
ऐसा हो जन्मदिन तुम्हारा
दुख न आए कभी दुबारा
खुशिया के हो नजारे चारो और
और हम पीकर मचाए शोर ही शोर