जिन्नात भुत प्रेत को चिराग में जलाने का तरीका नक्शा

Jinaat Bhut Shetaan Ko Chiraag Me Jalane Ka Tarika Hindi Me aseb ko jalane ka amal jinnat ko jalane ka naksha surah jinn ka taweez khabees
जिन्नात भुत प्रेत जब किसी के शरीर पर सवार हो जाए तो बहुत दिक्कत बढ़ जाती है ऐसे में आगे जाने जिन्नात भुत प्रेत को चिराग में जलने का तरीका नक्शा.

jinnat ko jalane ka naksha

जिन्नात भुत प्रेत को चिराग में जलाने का तरीका नक्शा

  • सबसे पहले ऊपर दिये हुए नकाश का प्रिंट ( PhotoCopy) करा लीजिये ! और फ़िर नकाश के पीछे मरीज का नाम और उसकी माँ का नाम लिख कर यह लिखे :-जो कुछ इस मरीज के जिस्म मे है और तकलीफ देता है ये मुवक्किलो इस को जला दो
  • अगर घर मे जीन्नात है तो फ़िर नकाश के पीछे ऐसे लिखे:- जो कोई जिन; शेतान इस घर मे है ये मुवक्किलों इस को जला दो
  • अगर जादूगर को हराना है या उसके पास जो जीन्नात है उसको मारना है तो ऐसे लिखे ! ए मुवक्किलों जादूगर का नाम और उसकी माँ का नाम [ ( Ex- Sonu बिन अबरार )  मर्द हो तो बिन लिखा जाएगा और अगर औरत है तो बिनते लिखा जाएगा .इसके पास जितना भी जीन्नात है  आप ऊन सभी को ख़त्म कर दे !
  • अगर जादूगर का नाम वगेरह नही मालूम तो फ़िर ऐसे लिखे ए मुवक्किलों जो कोई भी इंसान मुझ पर अपना जीन्नात छोड़ रहा है और जो कोई भी मुझ पर जादू कर रहा है आप उसका सारे जीन्नात जिस भी किस्म के है ऊन सभी को ख़त्म करदे
  • इस नकाश मे जहाँ 7 नम्बर लिखा है उधर से लपेटकर मोड़  ले जब fold जाए तो तो जहाँ 41 नम्बर लिखा हुआ है उधर से धागा लपेटे पूरे नकाश पर और धागा लपेटने के बाद 41 नम्बर वाली जगह काला मार्कर्स ( या pen ) से निशान लगा दे क्योंकि तावीज उधर से ही जलाना है ! अब एक चिराग ले ले और उसमे घी ( गाय का घी ghee ) डालकर नकाश को घी मे डुबाए ! फ़िर 41 no वाली साइड से नकाश को जलाए ! अब जैसे जैसे नकाश जलता जाए तो नकाश की लो (ज्वाला) को ऊपर करते जाए ताकि नकाश पूरा जले ! और तमाम आदत जालाए ! इस नकाश को जलाते वक्त अपना और नकाश दोनो का हिसार कर ले !

जब आप जीन्नात को जलाना शुरू करेंगे तो जीन्नात/शेतान जो भी है वह आएगा ऐसे मे डरना की ज़रूरत बिल्कुल भी नही है और ऊपर जो तावीज (tabij)  है! उसकी कम से कम 60 - 100 तक कॉपी करके रखले क्योंकि एक तावीज से सारे जीन्नात नही मरेगा !  इसलिए जैसे जैसे तावीज जलता जाए दूसरा तावीज fold करके तैयार रखखे और जब पहला पूरा जल जाए तो दूसरे को चिराग चिराग मे डालकर जलना शुरू करे ! ताकि आपका process चलता रहे ! और अपने पास extra घी भी रखखे ताकि घी कम पड़ने पर भाग दौड़ करना ना पड़े ! और वही पर extra copyes भी रखखे और अगर जीन्नात/शेतान जो भी धमकाये तो उनसे बिल्कुल भी डरने की ज़रूरत नही है क्योंकि कुछ ही सेकंड मे मुवक्किल (मोवकीलात) उनका काम तमाम कर देंगा !

हिसार-: जब आप यह काम करने बैठे सुरह अल हम्द आयतल कुर्सी और 4 कुल को 3 बार  पढ़कर अपनी उँगली पर दम करे और अपना गिर्द दहेरा बँद दहेरा इस तरह बांध कर पूरा सही से गुल हो अगर बीच मे कोई भी जगह खाली रह गयी तो समझिए जीन्नात या माकुल हिसार के अंदर घुस जाएगा ! और आपको नुकसान होने का खतरा हो सकता है !