करेला की खेती कैसे करे करेला लगाने की विधि - KARELA KI KHETI

करेला की खेती कैसे करे करेला लगाने की विधि - KARELA KI KHETI KAISE KARE GARMI ME KARELA KI हाइब्रिड करेले की खेती करेला लगाने की विधि
करेला की खेती कैसे करे करेला लगाने की विधि - KARELA KI KHETI KAISE KARE - करेला की खेती पूरे भारत मे की जाती है साथ ही हमारे देश के लोग करेले की सब्जी को खाने मे बहुत ही पसंद से खाते है |अगर आपकी चाह करेले की खेती करने की है लेकिन तरीका नहीं पता तो आगे जाने करेला की खेती [ Karela ki Kheti ] कैसे करे की जानकारी हिंदी में.

करेला शीत सहन करने वाला सब्जी है लेकिन अधिक शीत और वर्षा से इसकी उपज घट जाती है | करेले की खेती के लिए आद्र जलवायु की जरूरत पड़ती है | करेला की खेती के लिए उत्तर एवं मध्य भारत की जलवायु अधिक अनुकूल मानी गयी है करेले की खेती के लिए मिट्टी - करेला लगभग सभी भूमि मे उगाया जा सकता है लेकिन करेले के उपज के लिए दोमट मिट्टी बेहतर माना जाता है


करेला की खेती कैसे करे करेला लगाने की विधि - KARELA KI KHETI

करेला की खेती कैसे करे

करेला की खेती कैसे करे KARELA KI KHETI KAISE KARE - करेला की खेती के लिए सबसे पहले एक ऐसी भूमि का चयन करे जिनमे अम्ल एंव नमक का % प्रतिशत सामन्य से अधिक न हो करेले की खेती के लिए मिट्टी मे पीएच 6.5 से 8.00 के बीच होना चाहिए साथ ही मृदा मे जीवांश का % प्रतिशत अधिक से अधिक हो तो अच्छा रहता है इससे पौधो को प्रयाप्त तादाद मे पोषक तत्व मिल सके |

करेले की मिट्टी मे 200 लीटर स्लरी अथवा 2000 लीटर सजीवक खाद खेत मे डाल दे फिर 2 से 5 दिन बाद मिट्टी की पलट करके जुताई करे | इतना करने के बाद एक हफ्ते के खेत को ऐसे ही खुला छोड़ दे
  • करेला की खेती इस तरह करें
  • अब 3 से 4 बार देशी हल से मिट्टी की जुताई करे
  • और फिर मिट्टी को समतल करदे
  • अब 3 - 3 फिट के अंतर पर 1 फिट गहरा तथा 2 फिट चौड़ा थावला बनाए
  • अब एक एक करके सभी थावले मे 500 ग्राम वर्मी कम्पोस्ट
  • और 50 ग्राम कॉपर सल्फेट पाउडर और 200 राख़ मिलाए |
  • अब सभी थावले को मिट्टी से ढक दे फिर खेत की सिचाई करे |
  • सिचाई के 5 से 6 दिन बाद करेलो के बीजो की बुवाई करे
  • बुवाई मे प्रत्येक थावले मे 4 से 5 बीज डाले

ग्रीष्मकालीन करेले की खेती कैसे करे

ग्रीष्मकालीन करेले की खेती कैसे करे -  करेला की प्रजाति - करेला की बहुत सारी प्रजातिया पायी जाती है जिनके प्रकार आपको हम बता रहे है -

  • कोयम्बटूर लौग करेला की खेती -
  1. कोयम्बटूर लौग करेला की खेती
  2. यह दक्षिण भारत की किस्म है
  3. इस किस्म के पौधे अधिक फैलाव लिए होते है ।
  4. इसमें फल अधिक संख्या में लगते हैं तथा फल का औसत वजन 70 ग्राम होता है ।
  5. इसकी उपज 40 क्विंटल प्रति एकड़ तक आती है । 
  • कल्याणपुर बारहमासी करेला
  1. कल्याणपुर बारहमासी करेला
  2. इस किस्म का विकास चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविध्यालय द्वारा किया गया है |
  3. इस किस्म के फल आकर्षक एंव गहरे हरे रंग के होते हैं ।
  4. इसे गर्मी एवं वर्षा दोनों ऋतुओं में उगाया जा सकता है
  5. अर्थात् ये किस्म वर्ष भर उत्पादन दे सकती है ।
  6. इसकी उपज 60-65 विवंटल प्रति एकड़ तक आती है 
  • हिसार सेलेक्शन
  1. इस किस्म को पंजाब, हरियाणा में काफी लोकप्रियता हासिल है
  2. वहां की जलवायु में इसकी उपज 40 क्विंटल प्रति एकड़ तक प्राप्त होती है
  • अर्का हरित
  1. इसमें फलों के अन्दर बीज बहुत कम होते हैं ।
  2. यह किस्म गर्मी एवं वर्षा दोनों ऋतुओं में अच्छा उत्पादन देती है ।
  3. पतंजलि विषमुक्त कृषि विभाग ने अपने शोध प्रयोगों में पाया कि इसकी प्रत्येक बेल से 34 से 42 फल प्राप्त होते हैं
  • पूसा विशेष
  1. यह किस्म बीज बुवाई के 55 दिन बाद फल देना प्रारम्भ कर देती है ।
  2. इस किस्म के फल मध्यम, लम्बे, मोटे व हरे रंग के होते हैं ।
  3. इसका गूदा मोटा होता है । फल का औसत भार 100 ग्राम तक होता है
  4. पतंजलि विषमुक्त कृषि विभाग इस किस्म को फरवरी से जून माह के बीच उठाने की सलाह देता है
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