लड़के और लड़कियों में क्या अंतर है?

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लड़के और लड़कियों में क्या अंतर है? यह तो आप भी अच्छे से जानते होंगे की लड़के और लड़कियों में रात-दिन और जमीन-आसमान का फर्क होता है, चाहे वो शारीरिक हो या मानसिक. दोनों की हरकतें और आदतें भी अलग-अलग होती है. कुछ अच्छी चीजें लड़कों में होती है तो कुछ गंदी आदतें लड़कियों में भी होती है और कुछ अच्छी आदते लड़कियों में होती है तो कुछ गंदी आदते लड़कों में भी होती है. आज की इस पोस्ट में हम आपको लड़के और लड़कियों के बीच के कुछ अंतर को बताएँगे जिन्हें पढ़कर आप हंसेंगे भी और कहेंगे भाई सच है. आपकी उम्मीद से भी मजेदार होने वाली है यह पोस्ट, इसलिए इसे अंत तक पढ़िए और लड़के और लड़कियों के बीच के अंतर को समझे

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लड़के और लड़कियों में क्या अंतर है?

  • पैकिंग के समय - लड़की जब Packing करेगी तो कितना टाइम लगाएगी यह आप भी अच्छे से जानते है. यह कपड़े नहीं लेने, कौनसे कपड़े लू, Beauty के कौनसे Product लूँ वगैरह-वगैरह और सोचने-सोचने में ही वह अपना काफी टाइम लगा देती है Packing तो बाद की बात है जबकि लड़के 5 मिनट में Packing कर लेते है. फटाफट कपड़े उठाये और Bag के अंदर. 
  • मैसेज के समय - जब आप किसी लड़की को Message में पूछेंगे की यह चाहिए या नहीं तो हाँ या ना नहीं बोलकर उसका Reason भी बताने लग जाएगी और बात को कहाँ से कहाँ ले जाएगी पता ही नहीं चलेगा. लेकिन अगर आप किसी लड़के से पूछेंगे तो सीधा और Short Answer Yes और No में मिलेगा, क्योंकि उन्हें दुनियादारी से कोई लेना देना नहीं है. इसी के उल्ट लड़कियों की आपस में बातें कभी खत्म नहीं होती जबकि लड़के इतनी देर में 4 लड़कों से बात कर ले. इतना सब करने के लिए जिगर चाहिए जो लड़कों में नहीं है. एक बात समझ में नहीं आई यह इतनी सारी बातें लाते कहां से है, Google करना पड़ेगा. 
  • बाथरूम जाते समय - अगर आप किसी Party में जायेंगे या कहीं पर भी जाए लड़के आपको इधर-उधर बाथरूम करते मिल जायेंगे उन्हें बाथरूम के लिए टॉयलेट की कोई जरूरत नहीं जबकि लड़कियों को इसके लिए टॉयलेट की बहुत जरुरी है. हाँ यह बात सही है की यह लड़कों की सबसे घटिया आदत है खुले में बाथरूम करना पर क्या कर सकते है मैंने पहले ही पोस्ट में कहा था की कुछ गंदी आदते है मर्दों में भी, जिन्हें सुधारना मुश्किल ही नहीं नामुमकीन है. 
  • ब्रेकअप के समय - जब लड़कों का Breakup होता है तो पहले वे खुश होते है और बाद में रोते है जबकि लड़कियों में इसका उल्ट है. लड़कियां पहले रोती है और बाद में खुश होती है. 
  • बालों को शैम्पू करते समय - लड़कियां बालों का शैम्पू चुनने में बहुत सी Quality देखती है नव्या का लूँ, डव का लूँ, Hair And Sholder लूँ पता नहीं कौन-कौनसे शैम्पू है जबकि लड़कों के लिए डिब्बे में शैम्पू लिखा होना ही काफी है. उनका बस नहीं चला वरना वे तो साबुन को भी शैम्पू बना दे. 
  • सॉफ्ट बॉडी - लड़कियों की बॉडी बहुत ही Soft होती है जैसे किसी ने उन्हें दूध से नहलाया हो जबकि लड़कों की Body थोड़ी सी कड़क होती है. यह तो उपरवाले की देन है इसमें मर्द कुछ नहीं कर सकते. यह बात अलग है की Soft Body वाली लड़कियां आकर्षित तो कड़क मर्दों से ही होती है. 
  • आवाज - लड़कियों की आवाज बहुत ही कोमल होती है मन करता है सुनते ही रहे जबकि लड़कों की आवाज ऐसी होती है जैसे किसी ने उपर से नीचे बर्तन फैंके है. पर लड़कियों से बात करते टाइम लड़कों की आवाज में भी कोयल के सुर आने लग जाते है. वह बात अलग कि शादी की बाद अपनी बीबी की आवाज बर्तन जैसा लगे |
  • फेसबुक पर मेसेज और रिक्वेस्ट की बरसात - अगर कुछ दिन लड़कियां Facebook ना Use करें तो उनके Facebook पर Notification, Message और Friend Request की बाढ़ आ जाती है जबकि लड़के भले ही सालों से खोले तो भी हद से हद 3-4 Friend Request और 2-3 Message आयेंगे वो भी आये नहीं आये पता नहीं. 
  • हेयरकट के दौरान जब लड़के बाल कटवाते है तो इतने छोटे करवा देते है की बस टकले होने में कुछ ही बाल बचे होते है और वो भी 70-80 रूपये में जबकि लड़कियां 200 रूपये देगी और बाल उतने के उतने. यह बात अभी भी रिसर्च का विषय बनी हुयी है की लड़कियां हेयर सलून में बाल कटवाने जाती है या बालों को शैम्पू करवाने. 
  • आईने में देखते समय लड़कियां जब खुद को आईने में देखेंगी तो सबसे पहले तो यह देखेगी की कहीं में मोटी तो नहीं हो रही चाहे भले ही वह 0 फीगर हो जबकि लड़के आईने में Body हो या ना हो देखेंगे तो ऐसे की सारी Body जैसे भगवान ने उन्हें ही दी है. लड़कियां आईने में जितना समय लगाती है, लड़के उनका आधा टाइम भी नहीं लगाते. लड़के तो इतने टेलेंटेड है की Mobile के कैमरे से ही काम चला लेते है. 
  • बाहर जाते समय - बाहर जाते समय अगर कोई लड़की दिख जाए तो पुरुष उसकी खूबसूरती पर नजर डालते है और सपने देखने लग जाते है जबकि लड़की किसी दूसरी लड़की के कपड़ों को देखती. इसलिए तो शादी में कितनी ही सर्दी क्यों ना हो लड़कियां कपड़े दिखाए बिना नहीं रह सकती और लड़के शादी में ऐसे बन के आते है जैसे किसी ने इन्हें बर्फ की वादियों में छोड़ दिया हो. 
  • दिमाग और दिल की मजबूती - लड़कियों की तुलना में लड़के दर्द को आसानी से सहन कर लेते है जबकि लड़कियों में दर्द सहन करने की क्षमता कम होती है. इसी के अलावा लड़के लड़कियों से शारीरिक रूप से भी मजबूत होते है. 
  • बेडरूम को ही देख लीजिये लड़कियों का बेडरूम इतना साफ़-सुथरा होता है की मन करता है वहीं अपना आशियाना बना ले जबकि लड़कों का बेडरूम ऐसा बिखरा होता है जैसे मुंशीपालटी ने सारा कचरा इधर ही गिराया हो.