मटका खेल क्या है ?
भारत में शुरू किया गया यह खेल प्राम्परिक खेल माना जाता है इस खेल की शुरुवात ९० के दशक में हुआ इस खेल को बनाने वाले का नाम रतन खत्री है . आज के समय में यह गेम अपनी लोकप्रियता खोता हुआ नजर आता है लेकिन आज ऑनलाइन सट्टा मटका गेम खेला जाता है | इस खेल को खेलने वाले पैसे जितने के चक्कर में रहते है इसलिए इसे मुनाफे वाला और जुआ खेल के नाम से भी जाना जाता है . इस गेम को खेलने में काफी समय लगता है क्योकि पहले सट्टा लगाया जाता है फिर १ से २ दिन में इसका रिजल्ट दिखाया जाता है . इसी कारण से लोग इस खेल में अपनी रूचि नहीं दिखाते है . इस खेल को भारत में गैरकानूनी भी माना जाता है और इस खेल को लोग समाज में बुरा खेल समझते है इसलिए इसे कई लोग पसंद भी नहीं करते है इस खेल को संचालन करने वाला अगर सरकार की नजर में आ जाता है तो उसे सजा भी हो सकता है
सट्टा या सट्टेबाजी में दो चीजे होती है पहला हार और दुसरा जीत - अगर आप जीतते है तो राजा और हारते है तो कंगाल . इस खेल को खेलने वाले आमिर भी होते है साथ ही इस गेम से कई लोग बर्बाद भी हो चुके है इसलिए हम इस गेम को खेलने के बारे में आपसे नहीं कहेंगे .
मटका खेलने का तरीका
इस खेल में नंबर होते है और खिलाड़ी एक मटका में से किसी एक नंबर का चुनाव करते है साथ ही चुने हुए नंबर पर पैसा भी लगाते है . यह पैसा या बोली खिलाड़ी अपनी इच्छाअनुसार लगा सकता है | अगर कोई खिलाड़ी जो नंबर चुनता है वही नंबर अगर आ जाता है तो वह खेल जीत जाता है इस खेल को खेलने में अनुभव बहुत जरुरी है क्योकि नए खिलाड़ी इस गेम में हार ही जाते है |