मुहर्रम कब क्यों मनाया जाता है का इतिहास इन हिंदी 2022

मुहर्रम कब क्यों मनाया जाता है का इतिहास इन हिंदी 2022 muharram kyu manaya jata hai कर्बला की जंग का वाकिया

    मुहर्रम कब क्यों मनाया जाता है का इतिहास  इन हिंदी 2022 (muharram kyu manaya jata hai) : मुहर्रम हर साल मनाया जाता है लेकिन मुहर्रम क्यों मनाया जाता है क्या आप जानते है अगर नहीं जाने मुहर्रम का इतिहास क्या है इन हिंदी मुहर्रम इस्लाम धर्म के मानने वाले मनाते है यह एक गम का त्यौहार है आगे जाने मुहर्रम क्यों मनाया जाता है ? (muharram kyu manaya jata hai in hindi)
    muharram ka itihas in hindi

    मुहर्रम क्यों मनाया जाता है का इतिहास इन हिंदी

    Muharram kyu manaya jata hai in hindi ka itihas इस्लाम का दुश्मन यजिद ईराक का बादशाह था जो पूरी दुनिया के इंसानियत का दुश्मन था . मोहम्मद मुस्ताफ़ा के नवासे ईमान हुसैन ने जब यजिद को खुदा मानने से इनकार कर दिया तो यजिद ने उनके खिलाफ जंग का एलान कर दिया. इस जंग में हजरत हुसैन और परिवार बड़े बच्चे महिलाओ का क़त्ल कर दिया गया . जब क़त्ल हुआ तब इस्लाम का पहला महिना यानी की मुहर्रम का महीना था और तारीख इस्लामिक कैलेंडर अनुसार 10 तारीख थी . इसी कारण इस्लाम के मानने वाले नए महीने को नए साल के रूप में नहीं मनाते साथ ही इस महीने को गम और दुःख के रूप में मनाया जाता है .

    अगर आप सोचते है मुहर्रम एक त्यौहार है तो आप गलत है क्योकि यह कोई त्यौहार नहीं बल्कि मातम मनाया जाता है और यह मुस्लिम रीती रिवाज का एक तरिका है .   
    • मुहर्रम में जुलुस भी निकाला जाता है इस जुलुस में खुनी मंजर को याद किया जाता है. इसलिए कर्बला की जंग में शहीदों को याद करने के लिए मासिया सूना जाता है जो इतना गम गिन होता है की आपके आँखों में आंसू भर दे
    • इस दिन मुस्लिम भाई ताजिया भी बनाते है और ताजिया का जुलिस लेकर अपने आस पास के क्षेत्रो में जो कर्बला होता है वह पर ले जाकर ताजिया को दफ़न कर देते है और यह मुहर्रम के 10वी तारीख को किया जाता है
    • वही शिया लोग ताजिया के साथ अपने आप को कोड़े मारते है और अपने आप को लहू लुहान करके गम मुहर्रम को याद करते है
    • इस्लाम मे मोहर्रम महीने के 9वे तारीख को रोजा रखा जाता है और माना जाता है इस दिन रोजा रखने वाले को 30 रोजे के बराबर सवाब मिलता है | अगर कोई व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से रोजा रखे तो उसके गुनाहो की माफी हो जाती है यह रोजा रखना इस्लाम मे फर्ज तो नहीं है लेकिन इस रोजे को सुन्नत का दर्जा दिया गया है
    कत्ले हुसैन असल में मरगे यजीद हैं, 
    इस्लाम जिन्दा होता है हर कर्बला के बाद।'

    कर्बला की लड़ाई क्यों हुई ?

    कर्बला की जंग सच और झूठ की लड़ाई थी कर्बला की लड़ाई मे एक तरफ मोहम्मद साहब के नवासे, अली के बेटे और फातिमा के जिगर के टुकड़े इमाम हुसैन के साथ थे और दूसरे तरफ ऐयाश व जालिम बादशाह यजीद और उसकी पूरी फौज थी | यजिद ने यह बादशाही माली ताकत और जुर्म करके पाया था | इस लड़ाई मे इमाम हुसैन की शहादत हुई | ये शहादत केवल इस्लाम के मानने वालों के लिए नहीं थी वरन्‌ पूरी इंसानियत के लिए थी |
    इंसान को बेदार तो हो लेने दो,
    हर कौम पुकारेगी हमारे हैं हुसैन।'

    उम्मीद है आपको इस्लामिक मोहर्रम का इतिहास मोहरम कितने तारीख को है इत्यादि के बारे मे जानकारी अच्छी लगी होगी.

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