मूर्ख दिवस कब और कैसे मनाया जाता है
मूर्ख दिवस कब और कैसे मनाया जाता है मुर्ख दिवस को अप्रैल फुल के नाम से भी जाना जाता है अप्रेल फुल पर लोगो को मुर्ख बनाकर मजा लेते है लोग
मूर्ख दिवस कब और कैसे मनाया जाता है
अप्रैल फूल डे का एक किस्सा बड़ा मशहूर है | बात 1860 की है | लंदन मे हजारो लोगो के घर आमंत्रण पत्र पहुचे | जिसमे टावर ऑफ लंदन मे 1 अप्रैल की शाम गधों के स्नान का जिक्र था और आम जनता को आमंत्रण भेजा गया था | तब टावर ऑफ लंदन मे जाने की अनुमति नहीं थी | टावर देखने के लिए हजारो लोगो की भीड़ जुट गई | धक्का मुक्की के बीच पता चला कि ऐसा कोई आयोजन नही हो रहा है | फिर लोग मूर्ख बनकर घर लौट गए वैसे तो अप्रैल फूल दिवस मनाने के पीछे कोई पुख्ता वजह नहीं है लेकिन इसके बारे कुछ बाते ज्यादा मशहूर है |मूर्ख दिवस के बारे में जानकारी
- बात 1 अप्रैल 1915 की है जब जर्मनी के लीले हवाई अड्डे पर एक ब्रिटिश पायलेट ने बम फेका | जिसको देखकर लोग इधर उधर भागने लगे और काफी देर तक छुपे रहे लेकिन ज्यादा टाइम गुजरने के बाद भी जब कोई धमाका नहीं हुआ तो लोग वापस लौटकर देखने आए | और देखा एक बड़ी फुटबाल थी जिस पर अप्रैल फूल लिखा हुआ था |
- ऐसी ही एक और कहानी साल 2013 की है | जब 31 मार्च के दिन यह अफवाह फैलाई गई की 1 अप्रैल से यूट्यूब बंद हो जाएगा साथ ही यह भी घोषणा कर दी गई की पिछले सालो मे यूट्यूब पर अपलोद किए गए वीडियो मे से सर्वश्रेस्ठ का चुनाव करने के लिए एक पैनल बनया गया है जिसका परिणाम साल 2023 मे आएगा | इसके कई अफवाए फ़ैली लेकिन बाद मे पता चला की अप्रैल फूल बनाया जा रहा है
- कहते है पहले दुनिया भर मे भारतीय कलेंडर को फॉलो किया जाता था | जिसमे नववर्ष की शुरुवात चेत्र महीने से होती थी, जो तकरीबन अप्रैल मे प्रारम्भ होता था | 1582 मे पोप ग्रेगोरी ने नया कलेंडर लागू किया पर इसमे नववर्ष की शुरुवात जनवरी महीने से होने लगा | और इसे दुनिया के ज़्यादातर देशो मे मान्यता दे दी गई लेकिन पश्चिम मे ही कुछ लोगो ने इसे अपनाने से इंकार कर दिया और फिर यह लोग अप्रैल मे नववर्ष मनाने लगे फिर इनको मूर्ख कहा जाने लगा
- सलाह - हर कोई इस दिन मूर्ख बनाने की कोशिश करता हैं, इसलिए इस दिन मिलने वाली किसी भी सूचना या बात को बिना जांच पड़ताल के गंभीरता से नहीं ले
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