क्या आपको जानते है पॉलीग्राफ मशीन कैस काम करता है अगर नहीं तो आप यहा आज जान पाएंगे पॉलीग्राफ मशीन परीक्षण कैसे किया जाता है और क्या इससे क्या सच मे सच्चाई बाहर निकलवा सकते है या नहीं
पॉलीग्राफ टेस्ट क्या होता है ?
पालिग्राफ एक मशीन है इस मशीन से किसी व्यक्ति को सेंसर के द्वारा जोड़ दिया जाता है यह सेंसर कम्प्युटर से कनेकट किया हुआ होता है | फिर व्यक्ति के रक्तचाप, नब्ज, साँसो एंव हृदय की गति और बॉडी मे होने वाली गति को एक पेपर [ ग्राफ ] पर रिकार्ड किया जाता है इस प्रोसेस को पॉलीग्राफ कहते है इस परीक्षण मे व्यक्ति से पूरे 6 सेंसर कनेक्ट किए जाते है पॉलीग्राफ मशीन में इन 4 बातों को रिकॉर्ड किया जाता है
- व्यक्ति के सांस लेनो की गति (ब्रीदिंग रेट)
- व्यक्ति का पल्स व्यक्ति का ब्लड प्रेशर
- व्यक्ति के शरीर से निकल रहा पसीना में कार्यरत थे
- कभी कभी पॉलीग्राफ मशीन व्यक्ति के हाथ और पैरों की मूवमेंट को भी रिकॉर्ड करती है
पॉलीग्राफ टेस्ट कैसे होता है ?
पॉलीग्राफ टेस्ट करने के लिए व्यक्ति को पहले पॉलीग्राफ टेस्ट मशीन से जोड़ा जाता है फिर व्यक्ति को सामन्य बनाए रखने के लिए पहले कुछ आसान से सवाल किए जाते है जैसे - आपका नाम, आपके माता पिता के नाम, घर का पता, आपकी सही उम्र इत्यादि फिर जिस कारण से लाई डीडेक्टर टेस्ट किया जा रहा है उस मुद्दे पर आ जाते है और सच बुलवाया जाता है | सवाल-जवाब की इस पूरी प्रक्रिया में व्यक्ति से आ रहे तरंगों (सिग्नल) को मशीन मूविंग पेपर पर रिकॉर्ड करती है |
- सवाल-जवाब की प्रकृया पूरी होने होने से पहले और बाद में पॉलीग्राफ एग्जामिनर ग्राफ की जांच करता है और देखता है कि किन सवालों में व्यक्ति से आई तरंगें (सिग्नल) बदले हैं। इसमें व्यक्ति के ब्लड प्रेशर, पल्स रेट और ब्रीदिंग रेट में ज्यादा उतार-चढ़ाव से पता चलता है कि व्यक्ति झूठ बोल रहा है।
- पॉलीग्राफ की जांच वेल ट्रेंड एग्जामिनर से कराई जाए तो सही-सही सच और झूठ का पता चलता है। ऐसा ना होने पर एक्यूरेसी में फर्क आ सकता है |
नोट- इस टेस्ट का रिजल्ट पूरी तरह से पॉलीग्राफ मशीन पर निर्भर करता है। इसलिए इस टेस्ट को पूरी तरह से सच नहीं माना जा सकता। इसमें धोखा देना आसान है
अगर किसी को मालूम है कि उसका टेस्ट किया जाना है और वह खुद को टेस्ट के लिए तैयार करे तो लाई डीडेक्टर टेस्ट को धोखा दे सकता है मतलब झूठ बोल सकता है
- टेस्ट से पहले व्यक्ति ही खुद को तैयार करे धोखा दे सकता है
- पॉलीग्राफ मशीन के बारे मे जानकारी लेकर |
- जिस टापिक पर टेस्ट लिया जाना है उसे पहले से ही झूठ जोड़कर तैयार कर लेना मतलब इस तरह से टेस्ट को धोखा दिया जा सकता है |
- इस तरह अगर कोई व्यक्ति खुद को तैयार कर लेता है तो उसका कान्फ़िडेंस बढ़ जाता है जिससे उसे घबराहट नहीं होती और फिर ऐसे व्यक्ति के झूठ को पकड़ना मुश्किल हो जाता है