पावर ऑफ अटॉर्नी क्या है एक्ट 1882 की जानकारी
पावर ऑफ अटॉर्नी क्या है एक्ट 1882 की जानकारी पावर ऑफ अटॉर्नी का मतलब पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी इन उत्तर प्रदेश
power of attorney क्या आप जानते है पावर ऑफ अटार्नी का मतलब क्या होता है अगर नहीं तो जाने पावर ऑफ अटॉर्नी मे जिसे मुख्तारनामा या अधिकार पत्र के नाम से भी जाना जाता है यह एक लिखित दस्तावेज़ होता है जिसमे एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अधिकार देता है कि वह उसके पर्सनल कार्यो के लिए उसका साथ दे मतलब उसके कार्यो को करे यह अधिकार जिसे दिया जाता है मतलब अधिकार पाने वाले को मुख्तार या अटार्नी कहा जाता है
पावर ऑफ अटॉर्नी के सम्बंध मे कानून, एजेंसी के अंतर्गत बनाया जाता है अगर कोई व्यक्ति अपने कार्यो को करने मे अक्षम है तो वह व्यक्ति अपने कार्यो को करवाने के लिए दूसरे व्यकती को पावर ऑफ अटॉर्नी के द्वारा अधिकार दे सकता है
पावर ऑफ अटॉर्नी क्या है एक्ट 1882 की जानकारी
- पावर ऑफ अटार्नी 2 प्रकार के होते है 1 विशेष अधिकार पत्र 2 साधारण अधिकार पत्र
विशेष अधिकार पत्र
स्पेसिफिक पावर ऑफ अटॉर्नी किसी विशेष कार्य के लिए किसी को अधिकार देता है उदाहरण के लिए कर अधिकारी के समक्ष कम्पनी के रजिस्ट्रार के समक्ष कागजात लेकर प्रस्तुत होने के लिए या दस्तावेजों के पंजीकरण करने हेतु उप-रजिस्ट्रार के सम्मुख प्रस्तुत करने हेतु
- विलेख पत्र जमा करने से सम्बन्धित सभी कार्यों के लिए जो कि नोटरी या प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के समक्ष हस्ताक्षरित किए जा सकते हैं और जमा किये जा सकते हैं
- ऐसा अधिकार पत्र पंजीकृत भी किया जा सकता है।
- यदि कोई अपरिवर्तनीय अधिकार पत्र जिसमें एक एजेन्सी और भारतीय अनुबन्ध कानून, 1872 की धारा 202 के अनुसार हित वाली एजेन्सी से सम्बन्धित है तो इसके पंजीकरण के लिए आवश्यक मुद्रांक कर देना होगा
- उपर्युक्त (ग) में वर्णित अधिकार पत्र के पंजीकरण के बाद इसे सार्वजनिक सूचना में और पुस्तक-I में दर्ज करना आवश्यक नहीं है। इसे बाद में भारग्रस्तता प्रमाण पत्र में भी नहीं दर्ज किया जाएगा
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