अयोध्या राम मंदिर का इतिहास AYODHYA RAM MANDIR KA ITIHAS

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अयोध्या राम मंदिर का इतिहास AYODHYA RAM MANDIR KA ITIHAS :अयोध्या राम मंदिर बन कर तैयार हो चुका है और पूजा भी हो चुका जाने अयोध्या राम मंदिर का इतिहास फोटो HD अयोध्या राम मंदिर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

अयोध्या राम मंदिर का इतिहास AYODHYA RAM MANDIR KA ITIHAS

अयोध्या राम मंदिर का इतिहास

अयोध्या राम मंदिर का इतिहास AYODHYA RAM MANDIR KA ITIHAS : इतिहास से जानकारी मिलती है कि मुस्लिम शाशक बाबर 1527 मे फरग्ना ने आया था और उसने चित्तौड़ के हिन्दू राजा राणा संग्राम को फ़तेहपुर मे परास्त कर दिया जीत के बाद बाबर ने इस क्षेत्र को प्रभार मिर बाकी को दे दिया

मीर बाकी ने उस क्षेत्र मे मुस्लिम शाशन लागू कर दिया मीर बाकी 1528 मे अयोध्या आया और मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवा दिया

अयोध्या की स्थापना वैवस्वत मनु महाराज द्वारा सरयू तट पर अयोध्या की स्थापना की गई। अयोध्या श्री राम मंदिर की स्थापना - श्रीरामजन्मभूमि पर स्थित मंदिर का जीर्णोद्धार कराते हुए २१०० साल पहले सम्राट शकारि विक्रमादित्य द्वारा काले रंग के कसौटी पत्थर वाले ८४ स्तंभों पर विशाल मंदिर का निर्माण करवाया गया।

मंदिर का ध्वंस – मीर बाकी मुस्लिम आक्रांता बाबर का सेनापति था, जिसने १५२८ ईस्वी में भगवान श्रीराम का यह विशाल मंदिर ध्वस्त किया। ढांचे का निर्माण – ध्वस्त मंदिर के स्थान पर मंदिर के ही टूटे स्तंभों और अन्य सामग्री से आक्रांताओं ने मस्जिद जैसा एक ढांचा जबरन वहां खड़ा किया

लेकिन वे अजान के लिए मीनारें और वजू के लिए स्थान कभी नहीं बना सके। क्यू की उनकी औकात नही थी, की हमारे जैसा निर्माण कर सके, हमने तो पूरा मंदिर बना दिया उनसे तो केवल उस पर चुना लगाना था, वो भी नही हुआ । इसी बात से यह बात भी साबित होती है की ताज महल क्या है और किसने बनवाया होगा।

रामलला प्रकट हुए – २२ दिसंबर, १९४९ की मध्यरात्रि में जन्मभूमि पर रामलला प्रकट हुए। वह स्थान ढांचे के बीच वाले गुम्बद के नीचे था। उस समय भारत के प्रधानमंत्री थे जवाहरलाल नेहरू, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे पंडित गोविंद वल्लभ पंत और केरल के श्री के.के.नैय्यर फैजाबाद के जिलाधिकारी थे।

अयोध्या राम मंदिर किसने बनवाया था

अयोध्या राम मंदिर का इतिहास AYODHYA RAM MANDIR KA ITIHAS :

मंदिर पर ताला – कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट ने ढांचे को आपराधिक दंड संहिता की धारा १४५ के तहत रखते हुए प्रिय दत्त राम को रिसीवर नियुक्त किया।

सिटी मजिस्ट्रेट ने मंदिर के द्वार पर ताले लगा दिए, लेकिन एक पुजारी को दिन में दो बार ढांचे के अंदर जाकर दैनिक पूजा और अन्य अनुष्ठान संपन्न करने की अनुमति दी। श्रद्धालुओं को तालाबंद द्वार तक जाकर दर्शन की अनुमति थी। ताला लगे दरवाजों के सामने स्थानीय श्रद्धालुओं और संतों ने “श्रीराम जय राम जय जय राम” का अखंड संकीर्तन आरंभ कर दिया।

1990 में बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर के लिए जनसमर्थन जुटाने के उद्देश्य से देशभर में रथयात्रा निकाली भारत के प्रथम मुगल सम्राट बाबर के आदेश पर 1527 में इस मस्जिद का निर्माण किया गया था।

पुजारियों से हिन्दू ढांचे या निर्माण को छीनने के बाद मीर बाकी ने इसका नाम बाबरी मस्जिद रखा. 1940 के दशक से पहले, मस्जिद को मस्जिद-इ-जन्मस्थान (हिन्दी: मस्जिद ए जन्मस्थान,उर्दू: مسجدِ جنمستھان, अनुवाद: “जन्मस्थान की मस्जिद”) कहा जाता था

इस तरह इस स्थान को हिन्दू ईश्वर, भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में स्वीकार किया जाता रहा है। पुजारियों से हिन्दू ढांचे को छीनने के बाद मीर बाकी ने इसका नाम बाबरी मस्जिद रखा।

AYODHYA RAM MANDIR

  • AYODHYA RAM MANDIR :
  • बाबरी मस्जिद उत्तर प्रदेश
  • भारत के इस राज्य में 3 करोड़ 10 लाख मुस्लिम रहा करते हैं,
  • हालांकि आसपास के जिलों में और भी अनेक पुरानी मस्जिदें हैं
  • जिनमे शरीकी राजाओं द्वारा बनायी गयी हज़रत बल मस्जिद भी शामिल है
  • लेकिन विवादित स्थल के महत्व के कारण बाबरी मस्जिद सबसे बड़ी बन गयी
  • इसके आकार और प्रसिद्धि के बावजूद,
  • जिले के मुस्लिम समुदाय द्वारा मस्जिद का उपयोग कम ही हुआ करता था
  • और अदालतों में हिंदुओं द्वारा अनेक याचिकाओं के परिणामस्वरूप इस स्थल पर राम के हिन्दू भक्तों का प्रवेश होने लगा.।
  • सफदर हाशमी मेमोरियल ट्रस्ट (सहमत) ने रिपोर्ट की आलोचना यह कहते हुए कि 
  • हर तरफ पशु हड्डियों के साथ ही साथ सुर्खी और चूना-गारा की मौजूदगी”
  • जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को मिला, ये सब मुसलमानों की उपस्थिति के लक्षण हैं
  • जो कि मस्जिद के नीचे हिंदू मंदिर के होने की बात को खारिज कर देती है
  • लेकिन ‘खंबों की बुनियाद’ के आधार पर रिपोर्ट कुछ और दावा करती है
  • जो कि अपने निश्चयन में “स्पष्टतः धोखाधड़ी” है क्योंकि कोई खंबा नहीं मिला है
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