राम नाम की उत्पत्ति कैसे हुई रहस्य इन हिंदी

राम नाम की उत्पत्ति कैसे हुई रहस्य : कहा जाता है राम नाम मे छुपे है सफलता का रहस्य अगर कोई राम का रहस्य जान ले वह राम नाम जप करना नहीं भूलेगा

    राम नाम की उत्पत्ति कैसे हुई रहस्य : कहा जाता है राम नाम मे छुपे है सफलता का रहस्य अगर कोई राम का रहस्य जान ले वह राम नाम जप करना नहीं भूलेगा कहते है राम नाम जपने से जीवन की तमाम कष्ट खत्म हो जाते है | याद है मुझे जब हमारे घर के पास मे राम कथा मे पंडित जी बता रहे थे कि राम के नाम मे इतनी शक्ति है कि इसे जपने से अज्ञानी व्यक्ति भी ज्ञानी बन जाता है ईसके प्रमाण इन शब्दो से व्यक्त कर रहा हु.

    राम नाम की उत्पत्ति कैसे हुई जाने

    राम नाम जपना बहुत ही फायदा देता है ऐसे बहुत से लोग राम नाम की उत्पत्ति कैसे हुई रहस्य इत्यादि जानना चाहते है तो आपको बता दे राम नाम का जाप करने से ऋषि बाल्मीकि और संत तुलसीदास अज्ञानी से महान ज्ञानी बने ज्ञानी बनने के बाद इन्ही के द्वारा रामायण और रामचरित मानस कि रचना कि गई | कहते है शबरी ने राम कि इतनी भक्ति वन मे किया कि भगवान श्री राम स्वय शबरी कि कुटिया पर गए | 

    इस सांसारिक दुनिया मे राम नाम ही सत्य है जो इंसान को सत्य मार्ग दिखाता है | अगर आप भी भगवान राम के सबसे प्रिय शिष्य बनना चाहते है तो आपको हनुमान जी के चरित्रों को देखना चाहिए और सीख लेनी चाहिए | यह हनुमान ही थे जो भगवान श्री राम कि भक्ति मे ओत प्रोत होकर राम सीता दर्शन के लिए खुद का सीना ही फाड़ डाला

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    राम नाम का रहस्य क्या है

    राम नाम का रहस्य : एक बार एक समुन्द्र किनारे एक व्यक्ति बहुत उदास और चिंता मे बैठा था, तभी पास से विभूषण जा रहे थे | उन्होने उस वव्यक्ति को चिंता और उदास देखकर पुंछ लिया "भाई ! आप परेशान है आपको किस बात की चिंता सताए जा रही है"


    चिंता मे बैठा व्यक्ति ने विभूषण जी कहा - मुझे समुन्द्र के उस पार जाना है लेकिन उस पार जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है और न ही कोई साधन यही सोच कर चिंता हो रही है | फिर विभूषण ने कहा इसमे उदास होने की क्या बात है मैं आपकी चिंता दूर कर देता हु

    अब विभूषण जी ने एक पास के पेड़ से पत्ता लिया और उस पत्ते पर एक नाम लिख दिया | फिर पत्ते को व्यक्ति के धोती मे बांध दिया साथ ही उन्होने कहा इस पत्ते पर मेंने तारक मंत्र लिखा है | अब आप ईश्वर की श्रधा मे लिन होकर, बिना किसी घबराहट के पानी के उस जाना | आप इस नदी को बिना डूबे पार हो जाओगे |

    विभूषण जी की बातो पर विश्वास रखकर वह व्यक्ति समुन्द्र की और आगे बढ़ा फिर वह देखता है की डूब नहीं रहा हु और सागर के सिने पर चल पा रहा हु | तो क्या था नाचते नाचते वह व्यक्ति समुन्द्र पार करने लगा | जब वह समुन्द्र के बीच पहुच जाता है तो उस व्यक्ति के मन मे संदेह उत्पन्न हो जाता है और सोचता है विभूषण ने ऐसा कौन सा तारक मंत्र मेरे धोती से बांध दिया जो मैं डूब नहीं रहा हु और आसानी से समुन्द्र पार कर पा रहा हु | अब वह व्यक्ति धोती मे बंधे तारक मंत्र को खोलता है और देखता है इसमे 2 बार नाम शब्द लिखा हुआ है कोई राम नाम 2 बार लिखा देखकर उस व्यक्ति की श्रधा अश्रधा मे बदल जाती है |  व्यक्ति कहता है यह तो कोई  तारक मंत्र नहीं है यह तो सीधा सा नाम राम राम है | ऐसा कहते ही व्यक्ति की श्रधा खत्म होती है और वह डूबने लगता है और डूब कर मर जाता है | इससे तो यही निष्कर्ष निकलता है कि श्र\धा और विश्वास के रास्ते पर संदेह नहीं करना चाहिए |

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