सच्चे और झूठे मित्र की पहचान विशेषता

सच्चे मित्र की क्या पहचान है विपत्ति में सच्चे मित्र की पहचान सच्चे मित्र की क्या पहचान है उत्तर दीजिए सच्चे मित्र की पहचान
दोस्ती एक ऐसा शब्द है जिससे कोई भी व्यक्ति अछूता नहीं है लेकिन क्या आपका दोस्त सच्चा है या झूठा इसकी पहचान भी करना जरूरी है | असली पता तो मुसीबत में ही चलता है. साथ जीने-मरने, हरदम साथ निभाने का वादा करने वाले दोस्तों की सच्चाई भी मुसीबत के टाइम पता चलती है. अगर आपका दोस्त आपकी मुसीबत में या दुःख में समय में आपके साथ खड़ा है तो इसका मतलब वो आपका सच्चा दोस्त

हमारे कई सारे फ्रेंड होते है, जिनके साथ हम अपना Time Spent करते है लेकिन उनमे से 1 या 2 Friend ही ऐसे होते है जिनके साथ हम अपनी सारी बातें Share करते है, क्योंकि हम उन्हें अपना सबसे अच्छा Friend मानते है. दोस्ती तो ऐसी होनी चाहिए जैसे कृष्ण-सुदामा की थी वरना वक्त बिताने के लिए क्या दोस्ती करना |

आपकी जिंदगी को खुशनुमा बनाने में कई लोगों का हाथ होता है जिनमे सबसे ज्यादा काम आपके सच्चे दोस्त आते है. कहते भी है ना रिश्तेदार वक्त आने पर दिया अहसान गिना देते है लेकिन सिर्फ दोस्त ही ऐसे होते है जो बिना स्वार्थ आपकी मदद करते है. दोस्ती सिर्फ मुनाफे का सौदा है इसमें कभी कोई नुकसान नहीं होता 

sachche dost ki pahchan

कई सारी ऐसी बातें होती है जो अक्सर हम अपने परिवार को नहीं बताकर दोस्तों के साथ Share करते है. कोई लड़की पसंद आ गई, किसी लड़की का Number लेना हो, यहां तक की Breakup के दुःख से लेकर घर की परेशानियाँ तक हम अपने दोस्तों से Share करते है. लेकिन दिक्कत आती है Real और Fake Friend में अंतर जानने की, सामने मीठा बोलने वाला आपका दोस्त कब आपके पीठ में छुरा घोंप दे कह नहीं सकते. आज की इस पोस्ट में हम आपको सच्चे और झूठे Freind के बीच के अंतर को बताएँगे जिससे आप सच्चे Friend की पहचान कर पाएंगे. दुनिया में आपके चारों और हजारों लोग है लेकिन काम सिर्फ एक आता है वह ही आपका सच्चा दोस्त होता है. 

सच्चे और झूठे मित्र की पहचान विशेषता

  • सही रास्ता दिखाएँ एक सच्चा दोस्त हमेशा आपको सही रास्ता दिखायेगा. वह आपको गलत और सही में फर्क पहचानना भी बताएगा. जब भी आप मुसीबत में होंगे वह आपको सही रास्ता दिखायेगा. उसके दिखाए रास्ते थोड़े मुश्किल भरे हो सकते है लेकिन वे आपको सफलता की और ले जायेंगे जबकि झूठा दोस्त आपको गलत रास्ता दिखायेगा. वह कभी आपको आगे बढ़ने नहीं देगा. वो आपको ऐसे रास्ते दिखायेगा जो सुकून भरे होंगे लेकिन बाद में आपको असफलता की और ले जायेंगे
  • आपकी बुराई ना सुने मुझे हजारों की भीड़ में सिर्फ ऐसा शख्स चाहिए जो पीठ पीछे भी मेरी बुराई ना सुन सके” और वही होता है आपका सच्चा दोस्त, जो कभी आपके पीठ पीछे आपकी बुराई नहीं करेगा जो भी बात होगी आपके मुहं पर कहेगा जबकि झूठा दोस्त आपके पीठ पीछे आपकी बुराई करेगा और सामने आपकी तारीफ. ऐसे दोस्त दगाबाज होते है जो वक्त के साथ पलट जाते है. 
  • आपको सलाह को सराहने वाला आपका सच्चा दोस्त आपकी हर राय में आपके साथ होगा. अगर आप उससे कोई राय लेने जायेंगे या उसे अपनी राय बताएँगे तब भी वह आपको सही रास्ता दिखायेगा और आपको बताएगा की इस चीज को कैसे करना है जबकि झूठा दोस्त आपकी राय का मजाक उड़ाएगा और हर बार Negative तरीके से करेगा. खुद भी Negative होगा और आपको भी Negative बना देगा.
  • हर वक्त साथ रहना एक सच्चा दोस्त आपके हर सुख-दुःख में आपके साथ रहेगा. भले ही उसके साथ कुछ अच्छा नहीं हुआ हो लेकिन वो हमेशा आपका अच्छा चाहेगा. जब भी आपको उसकी जरूरत होगी वह हर वक्त आपके साथ रहेगा. जबकि झूठा दोस्त खुद के फायदे के लिए आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है. उसे आपकी मुसीबत से कोई लेना-देना नहीं है. जब कोई Party होगी तो भागता हुआ आ जायेगा और अगर आप मुसीबत में होंगे तो हजार बहाने बनाएगा. 
  • कभी नहीं बदलना एक सच्चा दोस्त हर वक्त आपके साथ रहता है. वह वक्त के साथ बदलता नहीं है. सच्ची दोस्ती लम्बे समय तक चलती है, इसलिए तो लोग सच्चे दोस्तों का गुणगान करते है. जबकि झूठे दोस्त आपसे टाइमपास के लिए दोस्ती करते है. जब उन्हें कोई और दोस्त मिल जाता है तो वे आपको छोड़ देते है. वे सिर्फ मनोरंजन और अपना टाइमपास करने के लिए दोस्त बनाते है. ऐसे दोस्त जहर से भी जहरीले होते है. 
  • आपकी Success से खुश होना आपका सच्चा दोस्त हमेशा आपकी Success से खुश होगा. जब आपको New JOB मिलेगी तो वह आपको अपनी तरफ से Party देगा, वह कभी भी आपकी Success से नहीं जलेगा. आपकी ख़ुशी में ही उसकी ख़ुशी होगी. जबकि झूठा Friend आपकी Success से जलेगा. उसके मन में यही रहेगा की आपको New JOB कैसे मिल गई, इतनी Salary कैसे बढ़ गई, Business में Success कैसे मिल गई. उसे आपकी ख़ुशी से जलन होगी. 
  • राज को राज ही रहने देना अगर आपका दोस्त आपके राज को राज ही रहने देता है. किसी भी सूरत में वह आपकी गोपनीय बातें किसी और के साथ Share नहीं करता है तो वह आपका सच्चा दोस्त है लेकिन अगर आपका दोस्त आपकी सारी राज की बाते अन्य लोगों से Share करता है या आपकी Privacy को खतरे में डालता है तो वह आपका झूठा दोस्त है और ऐसे दोस्तों से दूर रहे. 
  • आपकी बात को ध्यान से सुनना आपका सच्चा मित्र आपकी सारी बातों को ध्यान से सुनेगा और कभी भी आपकी बात को बीच में नहीं काटेगा. आपकी बातों को ध्यान से सुनने के बाद ही आपको राय देगा. जबकि आपका झूठा Freind आपकी बात को भी बीच में काटेगा और आपको गलत राय भी देगा. 
  • हर हाल में Accept करना आपका सच्चा दोस्त आपको हर हाल में स्वीकार करेगा. आप क्या पहनते है, कैसे रहते है इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है. उन्हें सिर्फ आपसे मतलब है की आप कौन है. जबकि झूठा दोस्त Show Off करेगा. वह आपको हर बात में जज करेगा. आपके कपड़े अच्छे नहीं होंगे तो आपको ताने देगा. आपका मजाक भी बनाएगा. 
  • माफ़ कर देना गलतियां हर इंसान से होती है. आपका सच्चा दोस्त आपको गलती को माफ़ कर देगा और आपको दूसरा मौका भी देगा. वह कभी आपको खोना नहीं चाहेगा. जबकि झूठा दोस्त आपकी छोटी सी गलती पर भी आपसे दोस्ती तोड़ देगा, वह कभी भी आपकी मजबूरियों को नहीं समझेगा. 
अगर जिंदगी में सच्चा दोस्त मिल गया तो जिंदगी को जन्नत बना देगा और अगर गलत दोस्त मिल गया तो जिंदगी को नरक बना देगा” 

इसलिए सोच समझकर दोस्ती की परख करें. दोस्ती की परख हमेशा मुसीबत में ही होती है. मुसीबत के दौर में आपको पता चल जायेगा की कौन आपके साथ है और कौन आपके खिलाफ. आपका मजाक उड़ाने वाले और आपकी कामयाबी से जलने वाले लोगों का साथ छोड़ दीजिये. 

दोस्त भले ही एक हो लेकिन होना सच्चा और अच्छा चाहिए. “जो काम एक शेर कर सकता है वो 100 गीदड़ भी नहीं कर सकते.” इसलिए सोच समझकर दोस्तीं करें.