श्री कृष्ण का जन्म कब और कहां हुआ था SRI KRISHNA KA JANM KAB HUA
श्री कृष्ण का जन्म कब और कहां हुआ था SRI KRISHNA KA JANM KAB HUA श्री कृष्ण का जन्म कब हुआ कृष्ण का जन्म कहां हुआ था श्री कृष्ण की मृत्यु
SRI KRISHNA KA JANM KAB HUA श्री कृष्ण का जन्म कितने साल पहले हुआ था कृष्ण का जन्म किस युग में हुआ था श्री कृष्ण की लंबाई कितनी थी श्री कृष्ण का जीवन परिचय
श्री कृष्णा के पिता का वसुदेव था स्लिए इन्हे वासुदेव के नाम से भी जाना जाता है श्री कृष्णा के दादा का नाम शूरसेन था श्री कृष्ण का जन्म उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के राजा कंस की जेल मे हुआ था
भवगवान श्री कृष्ण के भाई का नाम बलराम था और उद्धव एंव अंगरिस उनके चचेरे भाई थे अंगरिस ने तपस्या की थी और जैन धर्म के तीर्थकर नेमिनाथ के नाम से विख्यात हुए थे
भवगवान श्री कृष्ण ने 1600 राजकुमारियों को राजा नरकासुर की कारागार से मुक्त कराया था और उन राजकुमारियों से विवाह किया था | ऐसा इसलिए क्योकि वह राजकुमारी आत्महत्या करने जा रही थी कारण उस समय हरण की हुई स्त्रियो को अछूत माना जाता था और समाज उन स्त्रियो को अपनाता नहीं था
श्री कृष्ण की मूल पटरानी एक ही थी जिनका नाम रुक्मणी था जो महाराष्ट्र के विदर्भ राज्य के राजा रुक्मी की बहन थी।। रुक्मी शिशुपाल का मित्र था और श्री कृष्ण का शत्रु । दुर्योधन श्री कृष्ण का समधी था और उसकी बेटी लक्ष्मणा का विवाह श्री कृष्ण के पुत्र साम्ब के साथ हुआ था।
श्री कृष्ण ने गुजरात के समुद्र के बीचो बीच द्वारिका नाम की राजधानी बसाई थी। द्वारिका पुरी सोने की थी और उसका निर्माण देवशिल्पी विश्वकर्मा ने किया था
और उन्हें अगली बार यूँ खुले में नग्न स्नान न करने की नसीहत दी थी। श्री कृष्ण के अनुसार गौ हत्या करने वाला असुर है और उसको जीने का कोई अधिकार नहीं। श्री कृष्ण अवतार नहीं थे बल्कि अवतारी थे....जिसका अर्थ होता है "पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान्"
न ही उनका जन्म साधारण मनुष्य की तरह हुआ था । सर्वान् धर्मान परित्यजम मामेकं शरणम् व्रज अहम् त्वम् सर्व पापेभ्यो मोक्षस्यामी मा शुच-- भगवद् गीता अध्याय 18, श्री कृष्ण
हिन्दू धर्म मे कृष्ण जी को भगवान मान जाता है और उनके मानने वाले उनकी बड़ी ही सर्धा से पूजा करते है भगवान श्री कृष्ण का जीवन परिचय क्या है जाने
श्री कृष्ण का जन्म कब और कहां हुआ था
श्री कृष्ण का जन्म कब और कहां हुआ था SRI KRISHNA KA JANM KAB HUA : श्री कृष्ण जी हिन्दू धर्म के भगवान के रूप में पूजे जाते है ऐसे बहुत से लोग है जो भगवान श्री कृष्ण का पूरा जीवन परिचय के बारे में जानकारी चाहते है
SRI KRISHNA : श्री कृष्ण जी को गोविंद या गोपाल मे गो शब्द का मतलब गाय एंव इंद्रियो से है गो एक संस्कृत शब्द है और गो का अर्थ ऋग्वेद मे मनुष्य की इंद्रिया होती है और यह मतलब जो इंद्रियो का विजेता हो या फिर जिसके वश मे इंद्रिया हो वही गोविंद गोपाल होता है
श्री कृष्णा के पिता का वसुदेव था स्लिए इन्हे वासुदेव के नाम से भी जाना जाता है श्री कृष्णा के दादा का नाम शूरसेन था श्री कृष्ण का जन्म उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के राजा कंस की जेल मे हुआ था
भवगवान श्री कृष्ण के भाई का नाम बलराम था और उद्धव एंव अंगरिस उनके चचेरे भाई थे अंगरिस ने तपस्या की थी और जैन धर्म के तीर्थकर नेमिनाथ के नाम से विख्यात हुए थे
भवगवान श्री कृष्ण ने 1600 राजकुमारियों को राजा नरकासुर की कारागार से मुक्त कराया था और उन राजकुमारियों से विवाह किया था | ऐसा इसलिए क्योकि वह राजकुमारी आत्महत्या करने जा रही थी कारण उस समय हरण की हुई स्त्रियो को अछूत माना जाता था और समाज उन स्त्रियो को अपनाता नहीं था
श्री कृष्ण की मूल पटरानी एक ही थी जिनका नाम रुक्मणी था जो महाराष्ट्र के विदर्भ राज्य के राजा रुक्मी की बहन थी।। रुक्मी शिशुपाल का मित्र था और श्री कृष्ण का शत्रु । दुर्योधन श्री कृष्ण का समधी था और उसकी बेटी लक्ष्मणा का विवाह श्री कृष्ण के पुत्र साम्ब के साथ हुआ था।
SRI KRISHNA KA JANM KAB HUA
भगवान कृष्ण का जन्म 27 जुलाई, 3112 ईसा पूर्व आधी रात के आसपास हुआ था. श्री कृष्ण के धनुष को सारंग नाम जाना है और शंख को पाञ्चजन्य के नाम से जाना जाता है और उनके चक्र का नाम सुदर्शन था श्री कृष्ण की प्रेमिका को राधारानी के नाम था जोकि बरसाना के सरपंच वृषभानु की बेटी थी
श्री कृष्ण राधारानी से निष्काम और निश्वार्थ प्रेम करते थे | राधारानी की उम्र श्री कृष्ण की उम्र से 6 वर्ष अधिक थी श्री कृष्ण 14 वर्ष की उम्र मे वृंदावन त्याग किया और उसके बाद राधा से कभी नहीं मिले
श्री कृष्ण की कुल आयु 125 वर्ष थी और उनके शरीर का रंग गहरा काला था साथ ही उनके शरीर से 24 घंटे पवित्र अष्टगंध महकता था उनके वस्त्र रेशम के पीले रंग के होते है और मष्टक पर मोर मुकुट विराजमान था
उनके सारथि का नाम दारुक था और उनके रथ में चार घोड़े जुते होते थे। उनकी दोनो आँखों में प्रचंड सम्मोहन था।
SRI KRISHNA: श्री कृष्ण का का जीवन परिचय
श्री कृष्ण विद्या अर्जित करने हेतु मथुरा से उज्जैन मध्य प्रदेश आये थे। और यहाँ उन्होंने उच्च कोटि के ब्राह्मण महर्षि सान्दीपनि से अलौकिक विद्याओ का ज्ञान अर्जित किया था
श्री कृष्ण ने गुजरात के समुद्र के बीचो बीच द्वारिका नाम की राजधानी बसाई थी। द्वारिका पुरी सोने की थी और उसका निर्माण देवशिल्पी विश्वकर्मा ने किया था
- श्री कृष्ण के कुलगुरु महर्षि शांडिल्य थे।
- श्री कृष्ण का नामकरण महर्षि गर्ग ने किया था।
- इनके बड़े पोते का नाम अनिरुद्ध था
- जिसके लिए श्री कृष्ण ने बाणासुर और भगवान् शिव से युद्ध करके उन्हें पराजित किया था।
- श्री कृष्ण को ज़रा नाम के शिकारी ने बाण मारा था।
- हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अर्जुन को पवित्र गीता का ज्ञान रविवार शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन मात्र 45 मिनट में दे दिया था।
और उन्हें अगली बार यूँ खुले में नग्न स्नान न करने की नसीहत दी थी। श्री कृष्ण के अनुसार गौ हत्या करने वाला असुर है और उसको जीने का कोई अधिकार नहीं। श्री कृष्ण अवतार नहीं थे बल्कि अवतारी थे....जिसका अर्थ होता है "पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान्"
न ही उनका जन्म साधारण मनुष्य की तरह हुआ था । सर्वान् धर्मान परित्यजम मामेकं शरणम् व्रज अहम् त्वम् सर्व पापेभ्यो मोक्षस्यामी मा शुच-- भगवद् गीता अध्याय 18, श्री कृष्ण
सभी धर्मो का परित्याग करके एकमात्र मेरी शरण ग्रहण करो, मैं सभी पापो से तुम्हारा उद्धार कर दूंगा,डरो मत
भगवान श्री कृष्ण को अलग अलग स्थानो पर भिन्न भिन्न नाम से जाना जाता है -
श्री कृष्ण के 108 नाम
भगवान् श्री कृष्ण के 108 नाम जपने के बहुत से फायदे है उनमे से कुछ नाम न्मिन्वत है -
- यूपी मे गोपाल या कृष्ण इत्यादि नाम से पुकारा जाता है
- राजस्थान मे श्री नाथ जी या ठाकुर जी के नाम से जाना जाता है
- महाराष्ट्र मे भगवान बिठ्ठल के नाम से जाना जाता है
- उड़ीशा मे जगन्नाथ जी के नाम से पुकारा जाता है
- बंगाल मे गोपाल कहा जाता है
- दक्षिण भारत मे वेंकटेश या गोविंदा के नाम से जाने जाते है
- गुजरात मे द्वारिकाधीश जी के नाम से श्री कृष्ण के नाम से जाना जाता था
- असम, त्रिपुरा, नेपाल और पूर्वोत्तर क्षेत्रो मे कृष्ण नाम से ही जाना जाता है
- मलेसिया, इंडोनेशिया, अमेरिका, इंग्लैंड, फ़्रांस इत्यादि देशो में कृष्ण नाम ही विख्यात है
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