सौरमंडल किसे कहते हैं सौरमंडल का चित्र HD in Hindi

Sormandal meaning in hindi क्या आप जानते है सौरमण्डल के 8 ग्रहो के नाम स्वरूप अगर नहीं जाने सौरमंडल किसे कहते हैं सौरमंडल का चित्र HD in Hindi

    Sormandal meaning in hindi : क्या आप जानते है सौरमण्डल के 9 ग्रहो के नाम स्वरूप अगर नहीं  जाने सौरमंडल किसे कहते हैं सौरमंडल का चित्र HD in Hindi

    सौरमंडल किसे कहते हैं इन हिंदी

    सौरमंडल मे सूर्य एंव खगोलीय पिंड शामिल है जो इस मण्डल मे एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल के माध्यम से एक दूसरे से बंधे है . किसी तारे के चारो और परिक्रमा कर रहे खगोलीय पिण्डो के समूह को सौरमंडल कहा जाता है जो अन्य तारे न हों जैसे की ग्रह, बौने ग्रह, प्राकृतिक उपग्रह, क्षुद्रग्रह, उल्का, धूमकेतु और खगोलीय धूल।

    सौरमण्डल मे खगोलीय पिंड और सूर्य शामिल है और इन्ही के द्वारा हमारा सौरमंडल एक दूसरे से गुर्त्वाकर्षण बल के कारण एक दूसरे से बढ़े हुए है | खगोलीय वस्तुवों का तारो के अगल बगल घूमना या परिक्रमा करना ग्रहीय मण्डल कहलाता है जोकि अन्य तारे न हो जैसे की ग्रह, बौने ग्रह, छुद्रग्रह, उल्का, धूमकेतु इत्यादि | ग्रहीय मण्डल और सूरज दोनों को मिलाकर हमारा सौरमण्डल तैयार होता है
    Sormandal meaning in hindi
    सौरमंडल

    सौरमंडल के 9 ग्रहों की जानकारी इन हिंदी

    सौरमंडल का चित्र आपने देखा ही होगा लेकिन सौरमंडल के 9 ग्रहों की जानकारी क्या आपको पता है अगर नहीं तो जाने सौरमंडल के 9 ग्रहों के बारे में :
    • बुद्ध - यह सूर्य का सबसे निकटतम ग्रह है। जो सूर्य के निकलने के 2 घंटे पहले दिखाई देता है। यह सबसे छोटा ग्रह है। जिसके पास कोई उपग्रह नहीं है। इसका सबसे प्रमुख गुण है कि इसमें चुंबकीय क्षेत्र है। यह सूर्य की परिक्रमा सबसे कम समय में पूरी कर लेता है। 
    • शुक्र - यह पृथ्वी का निकटतम ग्रह है। यह सबसे चमकीला और सबसे गर्म ग्रह है। इसे सांझ का तारा या भोर का तारा भी कहा जाता है। यह अन्य ग्रह के वृत विपरीत दक्षिणावर्ती चक्रण करता है। इसे पृथ्वी का भगिनी ग्रह भी कहते हैं यह घनत्व आकार एवं व्यास में पृथ्वी के समान है। लेकिन इसके पास भी कोई उपग्रह नहीं है
    • बृहस्पति - यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। इसे अपनी धुरी पर चक्कर लगाने में 10 घंटे और सूर्य की परिक्रमा करने में 12 वर्ष लगते हैं। यह पीले रंग का उपग्रह है। 
    • मंगल - इसे लाल ग्रह भी कहा जाता है। इस का लाल रंग आयल ऑक्साइड के कारण दिखाई देता है। यह पृथ्वी के समान दो ध्रुव है तथा इसका कक्षा तली 25 के कोण पर झुका हुआ है। जिसके कारण यह पृथ्वी के समान ऋतु परिवर्तन करता है। इसके दिन का मान एवं अक्ष का झुकाव पृथ्वी के समान है। यह अपनी धुरी पर 24 घंटे में एक बार पूरा चक्कर लगाता है। इसके दो उपग्रह हैं फोबोस और डीमोस सूर्य की परिक्रमा करने में इसे 687 दिन लगते हैं। सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी होली पर मेसी एवं सौर मंडल का सबसे ऊंचा पर्वत निक्स ओलंपिया जो कि माउंट एवरेस्ट से 3 गुना अधिक ऊंचा है। इसी जगह पर स्थित है। 
    • शनि - यह आकाश में दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। यह आकाश में पीले तारे के समान दिखाई पड़ता है। इसकी विशेषता है इसके तल में चारों ओर वलय कहोना जो कि मोटी प्रकाश वाली कुंडली है इसके उपग्रह की संख्या 30 है। जो कि सबसे अधिक है। शनि का सबसे बड़ा उपग्रह कौन है। यह आकाश में बुध के बराबर है। रोबिन नामक शनि का उपग्रह की कक्षा में घूमने की विपरीत दिशा में परिक्रमा करता है। 
    • अरुण - यह आकार में तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है। इसकी खोज 1781 स्ट्रीमिंग विलियम हर्शेल द्वारा की गई थी। इसके चारों ओर 9 वर्षों में 5:00 बजे का नाम अल्फा बीटा गामा डेल्टा एवं इट्स सीलोन है। यह अपने आप से पर पूर्व से पश्चिम की ओर घूमता है। जबकि अन्य ग्रह पश्चिम से पूर्व की ओर घूमते हैं। यहां सूर्योदय पश्चिम की ओर एवं अस्तित्व पूर्व की ओर होता है। यह अपनी धुरी पर सूर्य की ओर इतना झुखा हुआ है कि लेटा हुआ दिखाई पड़ता है। इसलिए इसे लेटा हुआ ग्रह भी कहा जाता है। इसकी सभी उपग्रह भी पृथ्वी की विपरीत दिशा में परिभ्रमण करते हैं। इसका तापमान 18 डिग्री सेंटीग्रेड है। इसके 21 उपग्रह है और जिसमें एरियल तथा मिरांडा प्रमुख है। 
    • वरुण - इसकी खोज 1846 ईस्वी में जर्मन खगोलज्ञ जहान गाले ने की है। नई खबर लिए व्यवस्था में यह सूर्य के सबसे दूर स्थित ग्रह में से है। यह हरे रंग का ग्रह है। इसके चारों ओर अति शीतल मिथुन का बादल छाया हुआ है इसे आ रहे हैं। इसमें टाइटन प्रमुख है। 
    • पृथ्वी - यह आकार में पांचवां सबसे बड़ा ग्रह है। यह सौरमंडल का एकमात्र ग्रह है। जिस पर जीवन संभव है। इसका विषुवतीय व्यास 12756 किलोमीटर और ध्रुवीय व्यास 12714 किलोमीटर है। पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर 1610 किलोमीटर प्रति घंटे की चाल से 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकंड में एक चक्कर पूरा करती है। पृथ्वी की इस गति को घूर्णन या दैनिक गति भी कहते हैं। इस गति से दिन-रात बनते हैं। पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकंड का समय लगता है। पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा करने में लगने वाले समय को सॉरी वर्ष कहा जाता है। प्रतिक चोर वर्सेस कैलेंडर वर्सेस से लगभग 6 घंटा बड़ा होता है। जिसे हर चौथे वर्ष में लीप वर्ष बनाकर समायोजित किया जाता है। लीप वर्ष 364 दिन का होता है। जिसके कारण फरवरी माह में 28 के स्थान पर 29 दिन होते हैं। आकार एवं बनावट की दृष्टि से पृथ्वी शुक्र के समान है। जल की उपस्थिति के कारण इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है।

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