ताजमहल के दरवाजे का रहस्य इतिहास की जानकरी
ताजमहल के दरवाजे का रहस्य इतिहास की जानकरी ताजमहल के तहखाने का राज ताज महल का रहस्य इन हिंदी tajmahal ka rahasya
ताजमहल के दरवाजे का रहस्य
ताजमहल शिवमंदिर है या नहीं आज भी बहस का मुद्दा बना हुआ है लेकिन कहा जाता है कि ताजमहल के तहख़ानो मे बहुत सारे रहस्य छुपे हुए है | प्रोफेसर पुरुषत्तम नाथ ओक ने ताजमहल के शिवमंदिर होने की बात कही थी और अगर यह सही है लोगो के समझ इस सच्चाई को आना ही चाहिए |
यह जो दरवाजा आप देख रहे है यह ताजमहल का दरवाजा है और यह वही दरवाजा है जिससे मुगल बादशाह किले से ताजमहल पहुँचते थे | आज के समय मे यह दरवाजा ईटों से चुनवा कर बंद कर दिया गया लेकिन 1980 के दशक मे यह दरवाजा लकड़ी का दरवाजा हुआ करता था | इस दरवाजे के उचाई 8 फिट थी लेकिन आज के समय मे यह दरवाजा केवल 2 फिट ही बचा हुआ है ऐसा इसलिए क्योकि यमुना से 18 फिट तक सिल्ट यहा जमा हो चुकी है |
ब्रिटिश चित्रकार जिनका नाम विलियम एंड डेनियल था इन्होने ताजमहल के इन दोनों गेटो पर आधारित चित्र बनाए थे जबकि पूरातत्त्व विभाग भी 1960 तक डी - सिलटिंग कर ताजमहल के मूल फर्श और सीढ़ियो के साथ दरवाजे की रिपेरींग करता रहा है लेकिन आज के समय मे यह दोनों दरवाजे बंद कर दिये गए है |
यह यमुना किनारे दो दरवाजे जो नजर आ रहे अगर इन्हे खोला जाए तो हमारे सामने ताजमहल के तहख़ानो का रहस्य खुल कर आएगा ही साथ ही मे दीमक लगने, ताज की बुनियाद को नुकसान पाहुचने और कुओ पर मौजूद साल की लकड़ी के सूखने इत्यादि तथ्य भी सामने आएंगे |
ऊपर जैसा की image मे आपको दिख रहा है ताजमहल से डी-सिल्ट हटाते हुए लोग मौजूद है और यह तस्वीर 1936 - 37 सन मे खिची हुई है साथ ही आपको बता दे डी -सिल्ट का काम सन 1960 तक हुआ और आज के समय महताब बाग मे एएसआई 2 करोड़ खर्च कर डी- सिल्टिंग कर रहा है लेकिन ताजमहल के रहस्य को खोजने से पर्देदारी कर रहा है |
यह जो आप तस्वीर मे ताजमहल देख रहे है यह ब्रिटिश कलाकार डेनियल द्वारा सन 1801 मे बनाया गया था और इस ताजमहल की फोटो को देखने से हमे यही समझ आता है की ताजमहल मे 2 दरवाजे है और ताजमहल मे नाव के द्वरा प्रवेश हो सकता है | फिलहाल आज के समय मे इन दरवाजो को बंद केआर दिया गया है
यह जो दरवाजा आप देख रहे है यह ताजमहल का दरवाजा है और यह वही दरवाजा है जिससे मुगल बादशाह किले से ताजमहल पहुँचते थे | आज के समय मे यह दरवाजा ईटों से चुनवा कर बंद कर दिया गया लेकिन 1980 के दशक मे यह दरवाजा लकड़ी का दरवाजा हुआ करता था | इस दरवाजे के उचाई 8 फिट थी लेकिन आज के समय मे यह दरवाजा केवल 2 फिट ही बचा हुआ है ऐसा इसलिए क्योकि यमुना से 18 फिट तक सिल्ट यहा जमा हो चुकी है |
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1936 -1937 ताजमहल |
ऊपर जैसा की image मे आपको दिख रहा है ताजमहल से डी-सिल्ट हटाते हुए लोग मौजूद है और यह तस्वीर 1936 - 37 सन मे खिची हुई है साथ ही आपको बता दे डी -सिल्ट का काम सन 1960 तक हुआ और आज के समय महताब बाग मे एएसआई 2 करोड़ खर्च कर डी- सिल्टिंग कर रहा है लेकिन ताजमहल के रहस्य को खोजने से पर्देदारी कर रहा है |
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ब्रिटिश कलाकार द्वरा बनाया गया |
यह जो आप तस्वीर मे ताजमहल देख रहे है यह ब्रिटिश कलाकार डेनियल द्वारा सन 1801 मे बनाया गया था और इस ताजमहल की फोटो को देखने से हमे यही समझ आता है की ताजमहल मे 2 दरवाजे है और ताजमहल मे नाव के द्वरा प्रवेश हो सकता है | फिलहाल आज के समय मे इन दरवाजो को बंद केआर दिया गया है
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ताजमहल यमुना दरवाजा |
आज जिन रहस्यो से पर्दा उठना चाहिए उन्ही रहस्यो के प्रमाण को आज एएसआई खत्म करने की कोशिश कर रही है | जैसा की आप चित्र मे देख सकते है यमुना किनारे स्थित दरवाजा बिलकुल साफ नजर आ रहा है लेकिन आज के समय मे सिल्ट से ढकने के कारण या दरवाजा केवल 2 फिट ही बचा हुआ है और इस 2 फुट दरवाजे को ईटों से बंद कर दिया गया |
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