रानी पद्मावती का जीवन परिचय RANI PADMAVATI HISTORY IN HINDI

रानी पद्मावती का जीवन परिचय RANI PADMAVATI HISTORY IN HINDI अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती का इतिहास रानी पद्मावती महाराणा प्रताप की क्या लगती थी
RANI PADMAVATI HISTORY IN HINDI पद्मावती के पुत्र का क्या नाम था रानी पद्मावती की पूरी कहानी

रानी पद्मावती फिल्म के बाद लोग रानी पद्मावती का जीवन परिचय फोटो इतिहास सबकुछ जानना चाहते है ऐसे में रानी पद्मावती का जीवन परिचय की जानकरी दे रहे है रानी पद्मावती की कहानी साहस और बलिदान की गौरवगाथा है जो इतिहास मे हमेशा और हजारो साल तक अमर रहेगी.

रानी पद्मावती का जीवन परिचय RANI PADMAVATI HISTORY IN HINDI

रानी पद्मावती का जीवन परिचय RANI PADMAVATI

रानी पद्मावती का जीवन परिचय RANI PADMAVATI HISTORY IN HINDI : रानी पद्मावती का इतिहास 13वी से14वी के बीच का है रानी पद्मावती का जन्म स्थान सीलोन के सिंहल द्वीप पर हुआ था और आज इस द्वीप को श्री लंका के नाम से दुनिया जानती है

अब आप तिरछी नजर से देखे तो रानी पद्मावती आज के हिसाब से श्रीलंकन राजकुमारी हुई इतिहास से जानकारी मिलती है रानी पद्मावती के पास तोते से बात करने का हुनर था साथ ही वह रानी पद्मावती एक तोते से बात करती थी जिस तोते का नाम हरी मनि तोता था

क्या आपको लगता है पद्मावती काल्पनिक चरित्र है अगर नहीं तो आपको बता दे कुछ इतिहासकार और दार्शनिक रानी पद्मावती को काल्पनिक केरेक्टर बताते है

मालिक मोहम्मद जायसी द्वारा सन 1540 मे पद्मावत नामक ग्रंथ लिखा गया था और इस ग्रंथ मे चित्तौड़ की महारानी पद्मावती की खूबसूरती का बहुत ही अच्छे तरीके बयान किया गया है | इस हिसाब से रानी पद्मावती कोई काल्पनिक केरेक्टर नहीं बल्कि रियल ह्यूमन थी

मेवाड़ के राजपूत राजा रावल रतन सिंह और रानी पद्मवाती की पहली मुलाक़ात उनके स्वययर मे हुई थी | इतिहास से पता चलता है रावल रत्न सिंह स्व्ययर जीतकर रानी पद्मावती से विवाह सम्बंध किया था | जबकि पदमवती से पहले भी रावल रतन सिंह की पत्नीया थी

RANI PADMAVATI HISTORY IN HINDI

  • रानी पद्मावती का जीवन परिचय
  • RANI PADMAVATI HISTORY IN HINDI -
  • अलाउद्दीन खिलजी का चित्तौड़ पर चढ़ाई करने पर
  • इतिहासकारो के अलग अलग मत है कुछ इतिहासकारो का कहना है कि -
  • खिलजी ने सत्ता और धन के लिए और कुछ का कहना है
  • वह रानी पद्मावती के लिए राजा रतन सिंह से लोहा लिया था |
  • राणा रतन सिंह द्वारा मेवाड़ के पुरोहित राघव चैतन्य को
  • किसी बात के लिए भरी सभा से बेइज्जत करके बाहर कर दिया
  • इस बात का बदला लेने के लिए राघव चैतन्य ने
  • खिलजी से रानी पद्मावती की खूबसूरती का ब्खान कर दिया था
  • और इस कारण खिलजी रानी पद्मावती को पाने के लिए उतावला था
  • रावण रतन सिंह की मृत्यु खिलजी से युद्ध के दौरान हुई ऐसा कहा जाता है
  • और यह जंग रानी पद्मावती को पाने के लिए किया गया था
लेकिन इस युद्ध से भी खिलजी पद्मावती को पा न सका कारण कि रानी पद्मावती को किसी भी हाल मे खिलजी का दास बनना मंजूर न था | इसलिए पद्मावती ने हजारो महिलाओ के साथ जौहर करते हुए अपने आप को आग के हवाले कर दिया

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