रामगढ़ ताल [ नौका विहार ] गोरखपुर का इतिहास

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ramgarh tal gorakhpur history : रामगढ़ ताल गोरखपुर का इतिहास काफी पुराना है कहा जाता है रामगढ़ ताल कभी आबादी वाला शहर हुआ करता था लेकिन एक आपदा होने के कारण पूरा रामगढ़ ग्राम ताल बन गया और ग्राम ताल के रूप में बदल गया तो आज हम रामगढ़ ताल गोरखपुर का इतिहास क्या है इसके बारे में जानकारी आपको दे रहे है

रामगढ़ ताल के बारे में कहानी : रामगढ़ ताल गोरखपुर के बारे में कहा जाता है कि प्राचीन काल में यह ताल नहीं एक विशाल नगर हुआ करता था और इस विशाल नगर को किसी ऋषि ने श्राप दे दिया इस कारण नगर का अंत हो गया और इसके स्थान पर ताल का निर्माण हो गया

जब रामगढ़ ताल अस्तित्व में आया तब यह तालाब छह मिल लम्बा और तीन मिल चौड़ा हुआ करता था लेकिन समय के अनुसार यह लम्बाई चौड़ाई कम हो गया

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रामगढ़ ताल गोरखपुर का प्राचीन इतिहास

गोरखपुर का रामगढ़ ताल आज एशिया के नंबर ताल के रूप में जाना जाता है आज से १०० साल पहले अकुरी गाँव में जोकि रामगढ़ ताल के पास है और यहाँ पर एक प्राचीन शिव मंदिर है और इस मंदिर में रामगढ़ की रानी प्रतिदिन जल चढाने इस मंदिर में जाया करती थी लेकिन एक दिन जब रानी शिव मंदिर में जल चढाने के लिए जा रही थी तो मंदिर जाने में काफी विलम्ब हो गया इस कारण वहा के स्थानीय ब्राह्मण और कुछ अन्य जाती के लोगो ने शिव मंदिर पर जल अभिषेक कर दिया और जब रानी शिव मंदिर पहुची तो जल अविषेक वाली बात रानी को पता चली तो इस बात से रानी बहुत क्रोधित हुई साथ ही जब राजा को इस बात जानकारी हुई तो वह इतना क्रोधित हुआ कि इस मंदिर को तोप से उड़ाने के लिए आदेश दे दिया तो इस तरह से प्राचीन मंदिर को तोप से उड़ा दिया गया

इस घटना के कुछ दिन बाद ही रामगढ़ जहाँ शहर हुआ करता था वह पूरी तरह से ताल में बदल गया और पूरा शहर पानी में डूब गया कहा जाता है कि इस घटना में कोई भी व्यक्ति नहीं बचा साथ ही राजा का क्या हुआ इसके बारे में भी जानकारी नहीं मिलती है


कहा जाता है कि यह सब होने से पहले रोजाना रानी को बिल्ली के रोने कि आवाज सुनाई देती थी और जो बिल्ली रोजाना चिल्लाती थी वह और एक ब्राह्मण इस घटना में बच गए थे तो यह थी रामगढ़ ताल गोरखपुर का प्राचीन इतिहास अब इसमें कितनी सच्चाई है इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता