हरछठ पूजा की कथा Harchat Ki Katha Hindi Mein

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हर वर्ष हिन्दू धर्म में हरछठ पर्व बड़े ही श्रधाभाव से मनाया जाता है हरछठ पर महिलाए अपने पुत्र की लम्बी आयु के लिए हरछठ की कथा एंव व्रत को सम्पूर्ण करती है ऐसे में आइये जाने हरछठ की कथा हिंदी में

हरछठ की कथा हिंदी में Harchat Ki Katha Hindi Mein

हरछठ की कथा हिंदी में

हरछठ पूजा की कथा Harchat Ki Katha Hindi Mein हलषष्ठी/हरछठ की पौराणिक कथा बहुत सी प्रचलित है लेकिन हलषष्ठी पर जो कथा अधिक लोकप्रिय है वह निम्नवत है:

एक गर्भवती ग्वालिन थी साथ ही उसका प्रसव का समय बहुत नजदीक था प्रसव के कारण ग्वालिन पीड़ा से गुजर रही थी साथ ही उसका ध्यान दूध दही बेचने में भी था

ऐसा इसलिए क्योकि समय पर दूध दही अगर नही बिकता तो वह ख़राब हो जाते है इसी कारण ग्वालिन प्रसव के पीड़ा से गुजरने के बावजूद अपना दूध दही बेचने को जाती है

दूध दही बेचने जाते हुए रस्ते में अत्यधिक ग्वालिन को दर्द या प्रसव पीड़ा होने लगता है ऐसे समय में झरबेरी की ओट पर सहारा लेकर ग्वालिन ने एक शिशु को जन्म दिया

इस बच्चे को ग्वालिन झरबेरी के पेड़ के पास छोड़कर अपना दूध दही बेचने निकल गई लेकिन संयोग ऐसा जिस दिन ग्वालिन ने शिशु को जन्म दिया उसी दिन हलषष्ठी/हरछठ था

ग्वालिन ने गाय और भैंस का दूध मिला दिया उसके बाद जिस गाँव में दूध बेचने गई थी उन्हें यही कहा भैंस का दूध है इस तरह से ग्वालिन ने मिलावट वाले दूध को भैंस का दूध बताकर बेच दिया

झरबेरी के पेड़ के पास ग्वालिन का बच्चा जो अकेला था वही पर पास में एक किसान अपना खेत हल से जोत रहा था हल में बांधे गए बैल अचानक से भड़क गए और ग्वालिन के बच्चे पर हमला कर उसे मृत्यु द्वार तक पहुंचा दिए

इस घटना के बाद से ही हलषष्ठी/हरछठ की कथा लोकप्रिय है साथ ही हलषष्ठी/हरछठ का पर्व मनाया जाने लगा

Harchat Ki Katha Hindi Mein

हरछठ पूजा की कथा Harchat Ki Katha Hindi Mein : हलषष्ठी/हरछठ की दूसरी कथा हिंदी में निम्नवत है एक राज्य में एक राजा एंव राजा का एक पुत्र रहा करते थे राजा ने अपने राज्य के राहगीर के लिए एक तालाब बनाया तालाब में पानी की कमी थी या पानी भरा ही नहीं

इस कारण राहगीर राजा को भला बुरा कहते थे इस बात से राजा बहुत दुखी हुआ क्योकि धन एंव धर्म दोनों का नास हुआ रात में राजा को भगवान् ने स्वप्न दिखाया अगर तुम अपने बेटे की बलि दो तो तालाब पानी से भर जायेगा

स्वप्न वाली बात राजा ने अपने प्रजा को बताया साथ ही अपने बेटे की बलि नहीं दूंगा ऐसा कहा यह बात किसी तरह राजा के बेटे के कान तक जा पहुंची बेटा राज्य की भलाई के लिए खुद की बलि दे देता है इसके बाद से सुखा तालाब पूरी तरह से भरा जाता है
  • इस बात से राजा बहुत दुखी होकर राज्य छोड़कर जंगल में चला जाता है
  • जंगल में राजा को दो स्त्री दिखाई दी जो हलषष्ठी/हरछठ व्रत कर रही थी
  • राजा ने पूछा यह कौन सी पूंजा है?
  • ऐसे में दोनों स्त्रियों ने हलषष्ठी/हरछठ पूजा को पूरी विधि विधान से राजा को बताया
  • इसके बाद राजा अपने राज्य वापस आ गया
  • अपनी पत्नी के साथ राजा ने हलषष्ठी/हरछठ का व्रत विधि विधान से किया
  • हलषष्ठी/हरछठ पूजा पूजन से भगवान् प्रसन्न हुए और राजा का बेटा पानी से भरे तालाब से जिन्दा वापस आ गया
  • इसके बाद से हलषष्ठी/हरछठ पूजा व्रत की परम्परा चली आ रही है
  • एक मां अपने पुत्र की दीर्घायु के लिए हलषष्ठी/हरछठ की पूजा विधि विधान से करती आ रही है

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