8, 9, 10 महीने में डिलीवरी कब हो सकती है Baby Delivery Hindi
8, 9, 10 महीने में डिलीवरी कब हो सकती है mahine mein delivery kab ho sakta hai Baby Delivery In Hindi कैसे पता चलेगा डिलीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन
8, 9, 10 महीने में डिलीवरी कब हो सकती है Mahine Mein Delivery Kab Ho Sakta Hai Baby Delivery In Hindi: एक महिला के लिए मां बनना जितना खुशी का अनुभव करता है उससे कही अधिक पीड़ा भी अनुभव करता है ऐसे में महिलाए 8, 9, 10 महीने में डिलीवरी कब हो सकती है? को लेकर काफी चिंतित रहती है
8, 9, 10 महीने में डिलीवरी कब हो सकती है
8, 9, 10 mahine mein delivery kab ho sakta hai: अगर बात हो महीने में डिलेवरी कब हो सकती है इसका एक अनुमान लगाया जा सकता ही लेकी 8, 9, 10 महीने में डिलीवरी कब हो सकती है इसकी सटीक जानकारी नहीं दी जा सकती है
डिलीवरी कब हो सकती है इसके कुछ संकेत एंव लक्षण से पता लगाया जा सकता है आइये जाने डिलीवरी के लक्षण क्या है
- 8, 9, 10 महीने में डिलीवरी कब हो सकती है इसका अनुमान लगाया जा सकता है
- सही समय का पता लगाना डिलीवरी कब हो सकती है संभव नहीं
- पेट में गर्म महसूस होना
- संकुचन बढ़ जाना
- संकुचन के कारण से तेज दर्द महसूस होना जो 40 से 60 सेकंड तक महसूस हो
- पीठ में तेज दर्द महसूस होना
- योनि से खून आना
- वजाइनल डिस्चार्ज अधिक और गाढ़ा होना
- पेशाब करते समय हर बार म्यूकस प्लग का कुछ हिस्सा निकलना, ये गुलाबी और गाढ़ा हो सकता है।
- संकुचन का कई बार और तेज होना जो समयनुसार बढ़ जाए।
- पीठ के निचले हिस्से में ऐंठन और दर्द जो कि पेट और टांगों तक भी पहुंच जाए
- एम्नियोटिक फ्लूइड की थैली फटने के कारण पानी छूटना
कैसे पता चलेगा डिलीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन
डिलीवरी नार्मल होगा कि सिजेरियन कुछ संकेत एंव लक्षण से पता लगाया जा सकता है आइये जाने नार्मल डिलीवरी एंव सिजेरियन के लक्षण
- अगर गर्भवती महिला को पीड़ा महसूस हो रहा हो एंव यौन OS ठीक से खुल रहा ऐसे में डॉक्टर नार्मल डिलीवरी कर सकता है
- बच्चेदानी में बच्चे का पोजीशन अगर सही है ऐसे में सिजेरियन डिलीवरी की जरुरत नहीं नार्मल डिलीवरी हो सकती है
- लेकिन इसके लिए जरुरी है योनी का मुंह पूरी तरह से खुल रहा हो
- अगर बच्चे का वजन चार किलो से कम है ऐसे में नार्मल डिलीवरी किया जा सकता है
- प्राइवेट पार्ट से अगर गाढ़ा डिस्चार्ज या गाढ़ा द्रव का बहाव हो रहा है यह नॉर्मल डिलीवरी के लक्षण होते हैं
- बार बार पेशाब का लगना भी नार्मल डिलीवरी के लक्षण है
- क्योकि जब बच्चा श्रोणि क्षेत्र (Pelvis Area) में आने लगता है ऐसे में बच्चा मूत्राशय पर दबाव बनता है
- इसी कारण कई बार यूरिन के लिए जाना पड़ सकता है
- अगर बच्चा गर्भ में टेड़ा, आड़ा होता है ऐसे में सिजेरियन डिलीवरी करनी पड़ती है
- अगर बच्चेदानी में स्थित पानी की मात्रा कम या खत्म हो जाती है
- ऐसे में बच्चे के दिल की धड़कन या गति बढ़ जाती है इस कारण बच्चे की जान का खतरा भी बनता है
- इसलिए इस स्थिति में सिजेरियन डिलीवरी करना जरूरी हो जाता है
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