ईबे डॉट कॉम क्या है की शुरुवात कैसे हुई ?

ईबे क्या है ईबे डॉट कॉम की शुरुवात कैसे हुई ईबे वेबसाइट किसने बनाया ईबे से पैसे कैसे कमाये ईबे वेबसाइट के बारे में जानकारी हिंदी में

    अगर आप इंटरनेट यूज़र है और इंटरनेट का प्रयोग खरीदारी के लिए करते है तो आपने इबे का नाम ज़रूर सुना होगा क्योंकि यह एक इंटरनेशनल ईकामर्स वेबसाईट है अमेज़न के बाद ईकामर्स वेबसाइट ईबे का नाम आता है. आगे जाने ईबे डॉट कॉम क्या है ईबे की शुरुवात कैसे हुई ?

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    ईबे क्या है जानकारी  ?

    ईबे सभी ईकामर्स वेबसाईट से अलग है क्योंकि ईबे ऑनलाइन शोपिंग के साथ साथ दुनिया की पहली नीलामी की भी वेबसाईट है जहा आप या कोई भी बोली लगा सकते है यहाँ पर पुराने सिक्को से लेकर पुराने समानो की नीलामी की जाती है जिस समय अमेज़न की शुरुवात हो रही थी उसी समय पिएर्रे ओमीडयर ऑनलाइन नीलामी की वेबसाईट ईबे डॉट कॉम की भी शुरुवात कर रहे थे.

    ईबे डॉट कॉम की शुरुवात कैसे हुई तथ्य

    • पिएर्रे ओमीडयर ने 4 सितम्बर 1995 मे नीलामी वेबसाइट की शुरुवात किया और इसका नाम बाद मे बदलकर ईबे कर दिया गया.
    • ईबे की शुरुवात बिजनेस के लिए नही बल्कि शौक पूरा करने के लिए इसकी शुरुवात हुई थी !
    • पिएर्रे ओमीडयर बस एक ऐसी वेबसाईट बनाना चाहते थे जहाँ लोग आकर इंटेरनेट पर समान को खरीद या बेच सके !
    • ईबे बिज़नस के लिए तब तैयार हुई जब 1997 मे बेंचमार्क ने 6.7 मिलियन्स $ का खर्च किया और यही से इबेडॉटकॉम की रुपरेखा ही बदल गयी
    • एक बार ईबे ने AOL और Yahoo के सामने अपनी कम्पनी खरीदने का प्रस्ताव भी रखा था लेकिन ऊन लोगों ने मना कर दिया
    • मई 1998 तक ईबे पर करीब एक करोड़ समान नीलाम हो चुकी थी
    • ईबे की शुरुवात के 2 साल के अंदर ही ईबे का I.P.O. यानी की शेयर मार्केट में शामिल हुई
    • अब आगे जानकर आप आश्चर्यचकीत हो जायेंगे केवल $18 मे शेयर जारी किया गया था और पहले ही दिन यह 3 गुना हो गया और हुआ यह की ईबे के मालिक पिएर्रे ओमीडयर एक ही दिन मे अरबपति हो गये आज पिएर्रे ओमीडयर के पास 6.7 अरब $ की सम्पत्ति है इस तरह से पिएर्रे ओमीडयर 140 अमीर आदमी मे शामिल है
    • ईबे पर सेल होने वाला पहला समान एक खराब लेज़र प्रिंटर था जो 14.83 $ मे बीका था
    • मई 2008 मे इंग्लैंड के पाउल ने ईबे पर अपनी पत्नी शेरन को नीलाम कर दिया ऐसा उन्होने
    • अपनी पत्नी के बेवफ़ाई से परेशान होकर किया लेकिन ईबे के मेम्बरशिप के आपत्ति पे यह नीलामी कैंसल कर दी गयी
    • 2002 मे ईबे ने पेपल को खरीद लिया इसलिए इस कम्पनी को और भी फायदा होता है 
    • 1996 मे पिएर्रे ओमीडयर नीलाम होने वाले समान पर कमीशन लेने लगे इससे कम्पनी कभी भी नुकसान मे नही गयी और इसका प्रॉफिट बढ़ता गया नीलाम होने वाली कंपनी पर समान कुछ ही $ डॉलर का होता है लेकिन रोजाना अगर 5-6 लाख समान बिक जाए तो फायदा अधिक हो जाता है
    • ईबे से पहले भी कई ऐसी वेबसाईट आ चुकी थी जहाँ पर ऑनलाइन नीलामी होती थी लेकिन बाकी सब वेबसाईट पर कम्पनी के मालिक तह करते थे कौन सा समान बिकेगा लेकिन ईबे पर कस्टमर तह करता है कौन सा बिकेगा

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