गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है GANESH CHATURTHI
गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है की पौराणिक कथा : गणेश चतुर्थी कैसे मनाई जाती है GANESH CHATURTHI 2023 गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है
GANESH CHATURTHI KYU MANATE HAI GANESH CHATURTHI KAB HAI गणेश चतुर्थी का महत्व गणेश चतुर्थी किस महीने में आती है
गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म का त्यौहार है हिन्दू धर्म के मानने वाले गणेश चतुर्थी बहुत ही धूम धाम से मनाते है महाराष्ट्र और उसके आसपास के इलाको मे तो गणेश चतुर्थी के बाद 10 दिन तक लगातार गणोत्सव मनाया जाता है जिसमे भक्तो द्वारा खुद के घरो मे भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित किया जाता है और भक्ति भाव से दस दिन तक भक्त पूरे मन से श्री गणेश पूजा की जाती है . गणेश चतुर्थी 2021 में 10 सितंबर को मनाया जायेगा
गणोत्सव के समाप्त के समय यानि अनंत चतुर्दशी के दिन गणपती की प्रतिमा का भक्तो द्वारा विसर्जन किया जाता है | मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सुख समृद्धि सम्पन्नता घरो मे आती है | खाश तौर पर कहा गया है की गणेश भगवान के लिए व्रत रखने पर भक्तो की सभी मनोकामनाए पूरी हो जाती है.
गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है जाने
गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है GANESH CHATURTHI : शिवपुराण की एक कथा काफी प्रचलित है कि एक बार माता पार्वती स्नान करने के लिए जा रही थी और उसी समय 1 बालक को अपनी मेल से प्रकट किया और उस बालक को पहरेदार के रूप मे घर के बाहर लगा दिया कर कहा मेरे आने से पहले किसी को भी घर मे प्रवेश की अनुमति न देनाथोड़े ही समय बाद शिवजी घर मे प्रवेश करने आ जाते है लेकिन उभे घर मे प्रवेश करने नहीं देता है बालक | जिस कारण से शिवगण से बालक का भयानक युद्ध होता है लेकिन बालक को इस युद्ध मे कोई भी हरा नहीं पाता अंतिम मे भगवान शिव जी क्रोधित हो जाते है और क्रोध मे आकर उस बालक का धड़ यानि की सर त्रिशुल से काट देते है | ऐसा होने से माता पार्वती भयानक क्रोधित हो जाती है और पूरे संसार का प्रलय करने की ठान लेती है |
ऐसा देखकर देवता भयभीत हो जाते है लेकिन देवर्षि नारद की सलाह पर देवता जगदंबा की साधना करके माता पार्वती को शांत करते है साथ ही शिव जी के निर्देश पर विष्णु जी उत्तर दिशा मे सबसे पहले मिले हाथी का सिर काटकर लाते है और हाथी के गज मष्तक को बालक के कटे सर की जगह लगाकर उसे फिर जीवित कर देते है.
ऐसा देखकर देवता भयभीत हो जाते है लेकिन देवर्षि नारद की सलाह पर देवता जगदंबा की साधना करके माता पार्वती को शांत करते है साथ ही शिव जी के निर्देश पर विष्णु जी उत्तर दिशा मे सबसे पहले मिले हाथी का सिर काटकर लाते है और हाथी के गज मष्तक को बालक के कटे सर की जगह लगाकर उसे फिर जीवित कर देते है.
GANESH CHATURTHI KYU MANATE HAI
गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है GANESH CHATURTHI गणेश चतुर्थी की पौराणिक कथा :
बालक को जीवित देख कर माता पार्वती बहुत ही खुश होती है और गजमुख बालक को अपने हृदय से लगाकर देवताओ मे श्रेष्ठ होने का आशीर्वाद देती है. ब्रह्मा, विष्णु, महेश ने उस बालक को देवताओं के अध्यक्ष के रूप में घोषित करके सबसे पहले पूजे जाने का वरदान दिया।
इस तिथि में व्रत करने वाले के सभी विघ्नों का नाश हो जाएगा और उसे सब सिद्धियां प्राप्त होंगी। कृष्णपक्ष की चतुर्थी की रात्रि में चंद्रोदय के समय गणेश तुम्हारी पूजा करने के बाद व्रती चंद्रमा को अर्घ्य देकर ब्राह्मण को मिष्ठान खिलाए।
तदोपरांत स्वयं भी मीठा भोजन करे। श्रीगणेश चतुर्थी का व्रत करने वाले की मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है