पति तलाक कैसे ले हिंदी में पुरुषों के लिए भारत में तलाक कानून नियम

पति तलाक कैसे ले हिंदी में पुरुषों के लिए भारत में तलाक कानून नियम divorce kaise hota hai biwi se talak lene ke upay talak ke naye niyam 2021 in hindi
divorce kaise hota hai शादी की खवाइस तो सबकी होती है लेकिन तलाक कोई नहीं चाहता लेकिन कभी कभी कुछ ऐसे कारण बन आते है कि इंसान को न चाहते हुए भी तलाक लेना पड़ता है आगे जाने पति तलाक कैसे ले हिंदी में पुरुषों के लिए भारत में तलाक कानून नियम.

talak

पहले तलाक लेना काफी मुश्किल था क्योकि हमारे देश की न्यायिक प्रक्रिया काफी पेचीदा थी लेकिन आज हमारे देश के न्यायिक प्रणाली मे बदलाव आ चुके है इसलिए तलाक लेना थोड़ा आसान हो गया

पति तलाक कैसे ले ?

तलाक लेना या देना है इसकी वयाख्या हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा - 13 मे की गई है | कानूनी जानकार मोहम्मद नजीर जी का कहना है कि हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत पति या पत्नी तलाक के लिए अर्जी या याचिका दाखिल कर सकते है

तलाक के नियम ?

व्याभिचार [ शादी के बाहर शारीरिक रिश्ता बनाना ] शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना, नपुंसकता, बिना बताए छोड़कर जाना, हिंदू धर्म छोड़कर कोई और धर्म अपनाना, पागलपन, लाइलाज बीमारी, वैराग्य लेने और सात साल तक कोई अता-पता न होने के आधार पर तलाक की अर्जी दाखिल की जा सकती है
  • तलाक की अर्जी तलाक की याचिका आडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज की अदालत मे दी जाती है | याचिका दाखिल करने के बाद अदालत द्वारा दूसरी पार्टी को नोटिस जारी किया जाता है और दोनों पार्टियो को बुलाया जाता है | कोर्ट प्रयास यही करती है दोनों पार्टियो का आपस मे समझोता हो जाए लेकिन जब समझोते की गुंजाइस नहीं होती प्रतिवादी पक्ष को वादी द्वारा लगाए गए आरोपो के मद्देनजर जवाब देने को कहा जाता है इस कार्य के लिए आमतौर पर 30 दिन का समय दिया जाता है |
  • कोर्ट दोनों पक्षो को सुनने के बाद अदालत कोर्ट मामले मे इशू प्रेम करती है और फिर गवाहो के बयान शुरू होते है अर्थात वादी ने जो भी आरोप लगाए है उस उसके पक्ष मे सबूत देने होते है
  • हिन्दू मैरिज एक्ट एडवोकेट मोहम्मद नजीर जी ने बताया कि हिन्दू मैरिज एक्ट धारा 24 के तहत दोनों पक्षो मे से कोई भी गुजारे भत्ते के लिए किसी भी स्टेज पर याचिका दाखिल कर सकता है लेकिन यह पति या पत्नी की सैलरी के आधार पर गुजारा भत्ता तह किया जाता है | तलाक के मामले बच्चो को अगर उम्र 12 साल से कम हो तो कोर्ट माँ के साथ भेजती है | पति या पत्नी जिसकी कमाई ज्यादा होती है उसे ही गुजारा भत्ता देना पड़ता है