ट्रांसजेंडर क्या है का अर्थ मतलब समझे Transgender meaning in hindi

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Transgender meaning in hindi: अक्सर लोग पूछते है ट्रांसजेंडर क्या है अर्थ मतलब परिभाषा क्या है तो आज ट्रांसजेंडर की पूरी जानकारी बता रहे है ?

छाती पे बाल, भारी आवाज, मुहं पे मुहांसे, स्तनों का विकास, आवाज में पतलापन, यौ अंगो का विकसित होना, सोच का विकसित होना आदि किशोरावस्था में आने के लक्षण है. लड़को में 10 साल के बाद और लड़कियों में 12 साल के बाद परिपक्वता आने लगती है और यहीं से उनकी किशोरावस्था में आने की शुरुआत होती है | लड़के और लड़कियों में होने वाले बदलावों से तो हम सब परिचित है और इन बदलावों को हम महसूस भी करते है, लेकिन क्या आप ट्रांसजेंडर (किन्नरों) में होने वाले किशोरावस्था के बदलावों के बारे में जानते है । 

ट्रांसजेंडर क्या है What Is Transgender ?

ऐसा तीसरा लिंगी इंसान जो ना पुरुष में आता है और ना ही महिला में यानी उसमे दोनों के लक्षण होते है उसे ट्रांसजेंडर कहते है. ट्रांसजेंडर को हमारे समाज में हिजड़ा के नाम से जाना जाता है. इनके साथ हमारे समाज में बहुत भेदभाव भी किया जाता है |

ट्रांसजेंडर के बारे में मान्यता है की इनका आशीर्वाद और श्राप दोनों ही सच होते है. अगर कोई ट्रांसजेंडर किसी को एक रूपये का सिक्का देता है तो उसके घर में धन की भरमार रहती है. ट्रांसजेंडर लोग शादी-विवाह, घर का मोहरत, फंक्शन आदि में आते है. अब आप ट्रांसजेंडर के बारे में जान गए होंगे, आईये जानते है ट्रांसजेंडर में किशोरावस्था के मायने क्या है |

Transgender meaning hindi

ट्रांसजेंडर का मतलब समझे ?

ट्रांसजेंडर यानी ऐसा इंसान जो पुरुष के रूप में पैदा होता है लेकिन महिला के रूप में जाना जाता है. उसके आवाज से वो पुरुष लगता है लेकिन पहनावे और चाल-चलन से महिला. ऐसा इंसान जो ना तो पूरा पुरुष हो और ना ही पूरा महिला यानी तीसरा लिंग वाला आदमी ट्रांसजेंडर कहलाता है |

ट्रांसजेंडर मे किशोरावस्था क्या है ? किशोरावस्था एक ऐसा स्टेज है जहां पर जीवन दो चरणों में बंटता है. लड़को में 10 से 15 और लड़कियों में 12 से 16 साल तक की उम्र किशोरावस्था की होती है, जिसमे उनका शरीर परिपक्व होता है. किशोरावस्था में शरीर में मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक बदलाव होते है. यौन अंगो का विकास और परिपक्वता ही किशोरावस्था है |

ट्रांसजेंडर किशोरावस्था क्या होता है :

  1. आकर्षण ट्रांसजेंडर व्यक्ति पुरुष और महिला दोनों की तरफ आकर्षित हो सकता है, क्योंकि वो महिला और पुरुष दोनों का हिस्सा है |
  2. विपरीत लिंग के साथ रहना ट्रांसजेंडर लोग कभी भी उस लिंग के साथ नहीं रह पाते जिनके साथ वे पैदा हुए है अर्थात वे विपरीत लिंग के साथ रहना पसंद करते है और उसी के अनुसार जीना भी पसंद करते है. एक सामान्य इंसान की तुलना में ट्रांसजेंडर लोगों का यौवन कठिनाई भरा होता है क्योंकि वे अपने लिंग के साथ नहीं जीते है. 
  3. जेंडर डीस्फोरिया यौवन में होने वाली जटिलताओं के कारण ट्रांसजेंडर लोगों में तनाव पैदा होता है और उसे ही “जेंडर डीस्फोरिया” कहते है. इसमें शरीर और दिमाग का तालमेल नहीं बैठता है. इसलिए ट्रांसजेंडर शरीर में होने वाले बदलावों को रोकने का प्रयास करते है और विपरीत लिंग के साथ जीना चाहते है. 
  4. ट्रांसमेन में किशोरावस्था ट्रांसमेन यानी जो लोग योनी के साथ पैदा होते है लेकिन सोचते पुरुषों की तरह है और उन्ही की तरह महसूस करते है. उन्हें भी महिला की तरह स्त्री होने का अनुभव होता है जो उन्होंने पहले कभी महसूस नहीं किया होता है. उनमे भी स्तन विकास और मासिक धर्म जैसे बदलाव होते है. 
  5. ट्रांसवुमेन में किशोरावस्था ट्रांसवुमेन वे लोग जो पुरुष की तरह पैदा होते है लेकिन सोचते और महसूस महिलाओं की तरह करते है. यह शिश्न के साथ पैदा होते है अर्थात पुरुष के लिंग के साथ पैदा होते है. इनमे पुरुषों की तरह लिंग का खड़ा होना, वीर्य निकलना, शरीर पर बाल आना जैसे बदलाव होते है जो इनके लिए असुविधाजनक होते है. इससे बचने के लिए वे नशीली दवाओं का सेवन भी करती है. 
  6. ट्रांसजेंडर में यौवन ट्रांसजेंडर में टेस्टोंस्टेरान और एस्ट्रोजन दोनों तरह के हार्मोन होते है और यही उन्हें तकलीफ देते है. एक ट्रांसजेंडर में महिला और पुरुष दोनों के बदलाव होते है जिन्हें सहन करना उनके लिए मुश्किल होता है और इसी वजह से वे टेंशन में आ जाते है. 
  7. महिला से पुरुष में बदलना कुछ ऐसे लोग होते है जो महिला से पुरुष बनना चाहते है और वे उनके अनुसार हार्मोन लेते है. इससे उनमे आवाज का भारी होना, शरीर में चर्बी का विकास आदि परिवर्तन होने लगते है लेकिन जो महिला प्रजनन के अंग है जिसके साथ वो पैदा हुयी है उसे हटाने के लिए शल्यचिकित्सा का सहारा लिया जाता है. 
  8. पुरुष से महिला में बदलना कुछ ऐसे लोग होते है जो पुरुष से महिला बनना चाहते है और वे उनके अनुसार हार्मोन लेते है. इससे उनमे स्तनों का विकास, शरीर पर बालों की कमी आदि परिवर्तन होने लगते है लेकिन जो पुरुष प्रजनन के अंग है जिसके साथ वो पैदा हुआ है उसे हटाने के लिए शल्यचिकित्सा का सहारा लिया जाता है. पुरुषों में चेहरे के बाल और आवाज में परिवर्तन नहीं आता है, क्योंकि इसके लिए टेस्टोस्टेरान हार्मोन जिम्मेदार होता है और इसे शल्यचिकित्सा के द्वारा रोका जाता है. 
एक सामान्य महिला और पुरुष की तुलना में ट्रांसजेंडर लोगों की जिंदगी कितनी मुश्किल है खासकर उनमे किशोरावस्था और यौवन बहुत तनाव भरा होता है. किसी दुसरे लिंग के साथ जीना कितना मुश्किल होता है यह सिर्फ ट्रांसजेंडर ही जान सकते है. भारत जैसे विकसित देश में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए कानून बने है, लेकिन फिर भी काफी जगह इनके साथ भेदभाव किया जाता है. इनमे इनकी क्या गलती, इन्हें तो कुदरत ने ऐसा बनाया है. अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें |