नार्को टेस्ट क्या होता है हिंदी में जानकरी नार्को टेस्ट आपने सूना भी होगा और मूवी में नार्को टेस्ट होते हुए देखा होगा लेकिन नार्को टेस्ट क्या होता है जाने हिंदी में नार्को टेस्ट जानकरी
नार्को इसका प्रयोग किसी व्यक्ति के मन से सच निकलवाने के लिए किया जाता है. नार्को परीक्षण के अलावा सच उगलवाने के लिए पॉलीग्राफ, लाईडिटेक्टर टेस्ट और ब्रेन मैपिंग टेस्ट भी किया जाता है। यह परीक्षण अधिकतर आपराधिक केस मे किए जाते है | आपको बता दे इस नार्को टेस्ट 1 % से भी कम चांस बना रहता है की व्यक्ति झूठ बोले. नार्को टेस्ट के लिए व्यक्ति को ट्रुथ सीरम इंजेक्शन दिया जाता है.
- NARCO - Narcotics Commission .
- NARCO - Normal Adventuresome Reliable Comforting Opinionated
- NARCO - National Rear Commodore .
- NARCO - North American Railcar Operators Association
नार्को टेस्ट क्या होता है हिंदी में जानकारी
नार्को टेस्ट अधिकतर अपराधी के मन से सच निकालने के लिए किया जाता है इसके लिए आपराधिक व्यक्ति को इथेनाल, सोडियम पेंटोथाल, बार्बिचरेटस, टेपाजमेन इत्यादि रासयानिक ड्रग्स के इंजेक्शन दिए जाए है | इस दिए गए इंजेक्शन को ट्रुथ इंजेक्शन के नाम से भी जाना जाता है. नार्को टेस्ट करने के लिए व्यक्ति को पहले 1/2 बेहोश किया जाता है जिससे इंसान सेमी कान्सीयस स्थिति मे पहुच जाता है | मतलब इंसान न तो पूरी तरह बेहोश होता है और न ही पूरी तरह होश मे रहता है | ऐसे कंडीशन मे इंसान चाह कर भी झूठ नहीं बोल सकता | ऐसा इसलिए क्योकि इंसान को झूठ बोलने के लिए कल्पनाओ का सहारा लेना पड़ता है मतलब इंसान को झूठ कहने के लिए बातो को तोड़ मरोड़ झूठ और सच जोड़ कर बात बनानी पड़ती है | लेकिन जो घटनाए आपके या हमारे साथ हो चुकी होती है जैस - कुछ आपने देखा या महसूस किया वह दिमाग मे सेट रहता है | तो इसलिए व्यक्ति हाफ बेहोसी मे सच बोलता है.
नार्को टेस्ट कैसे होता है इन हिंदी
नार्को टेस्ट कैसे होता है : नार्को टेस्ट सभी पर तो नहीं किया जाता है लेकिन जिस पर भी यह किया जाता है पहले उसकी उम्र और हेल्थ का चेकअप किया जाता है एंव मुजरिम पर कौन सा रसायन प्रयोग किया जाना है डिसाइड किया जाता है | क्योकि अगर गलत रसायन दे दिया जाए तो इंसान की मौत हो सकती है या फिर दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है | इसलिए उम्र एंव स्वास्थ को देखकर इंजेक्शन दिया जाता है | यह सब करने से पहले 2 मशीनों से कनेंट किया जाता है |
- पालीग्राफ मशीन
- ब्रेन मेपिंग टेस्ट
पालीग्राफ मशीन - पालिग्राफ मशीन नार्को टेस्ट किए जाने ब्यक्ति का रक्तचाप, नब्ज, साँसो एंव हृदय की गति और बॉडी मे होने वाली गति को रिकार्ड एंव दर्शाता है | यह सब होने के बाद अपराधीक व्यक्ति से कुछ साधारण से सवाल जैसे - नाम, माता - पिता का नाम, एड्रेस, उम्र, आप क्या करते है इत्यादि | इस तरह पुंछताछ आगे बढ़ती जाती है और धीरे धीरे अपराधी से वह सवाल पुछ लिया जाता है जो जानने के लिए नार्को किया गया था | इस तरह नार्को के जरिये सच का पता लगाया जाता है |
ब्रेन मेपिंग टेस्ट - इसका आविष्कार अमेरिका मे हुआ था जिसके आविष्कारक न्यूरोलाजिस्ट डॉ. लॉरेंस ए फारवेल ने 1962 मे किया था | यह परीक्षणकई जगहो पर किया जाता है | यह टेस्ट करने के लिए मुजरिम के सिर मे हेलमेट पहनाया जाता है जो कम्प्युटर से जुड़ा हुआ होता है साथ ही इनमे सेंसर लगा हुआ होता है | इन सेंसर का काम इंसान की दिमागी गतिविधियो को रिकार्ड करना होता है | यह गतिविधि P300 wev के जरिये डिस्प्ले पर शो होता है | ब्रेन मेपिंग के दौरान मुजरिम को तरह तरह के साउंड सुनाई देते है साथ ही एक स्क्रीन पर वीडियो और फोटो भी दिखाई पड़ते है यह वीडियो अपराध से जुड़ा हुआ होता है | जब मुजरिम आवाज के सिनल को पहचानता है तो स्क्रीन पर P300 तरंगे शो होने लगती है | इस तरह गुनाहगार से सच उगलावा लिया जाता है | अगर मुजरिम गुनाहगार नहीं है तो वह आवाज को नहीं पहचान नहीं पाता है और p300 तरंगे नहीं शो होती है |